देशभर में 69वां पैदल सेना दिवस (इंफेंट्री-डे) 27 अक्टूबर 2016 को मनाया गया. पैदल सेना यानी इंफेंट्री की बहादुरी की याद में सशस्त्र सेना द्वारा 27 अक्टूबर को प्रति वर्ष यह दिवस मनाया जाता है. यह दिन युद्ध की रानी के नाम से भी जाना जाता है.
1947 में पाकिस्तानी हमलावरों से जम्मू एवं कश्मीर में लड़ने वाले और बलिदान देने वाले पैदल सेना के अधिकारियों और सैनिकों को याद करने और उनको सम्मान देने के लिए भारतीय सेना 27 अक्टूबर को 69 वां इंफेंट्री दिवस मनाती है.
इस दिन भारतीय सेना के सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन का पैदल दल श्रीनगर वायु सेना अड्डे पर उतरा और बहादुरी से लड़ते हुए कश्मीर घाटी को पाकिस्तानी हमलावरों से आजाद करवाया. महाराजा हरि सिंह द्वारा जम्मू कश्मीर का भारत में विलय स्वीकार करने पर हस्ताक्षर के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस कार्रवाई का आदेश दिया.
इन्फैंट्री के बारे में-
इन्फैंट्री सेना की एक शाखा है. सैनिकों की इस शाखा को लड़ाई में दुश्मन के साथ युद्ध का सबसे बड़ा खामियाजा सहन करना पड़ता है. सैन्य अभियान के दौरान इस शाखा के सैनिक सबसे अधिक हताहत होते हैं.
ऐतिहासिक द्रष्टि से पैदल सेना लड़ाकू हथियार का सबसे पुरानी शाखा के रूप में जानी जाती है. यह युद्ध में दुश्मन के घर में घुस कर मारती है इसलिए इन्फैंट्री को सेना का सबसे अहम शाखा माना जाता है.
- पैदल सेना अपने परंपरागत अस्त्र शस्त्रों से सुसज्जित भारतीय सेना का सबसे बड़ा दल है
- जम्मू-कश्मीर में इस सेना को महाराजा हरीसिंह की मदद को पाकिस्तान कबालियों और आक्रमणकारियों के दमन के लिए भेजा गया था.

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