Dadasaheb Phalke Award 2020: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज घोषणा की है कि वर्ष 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रसिद्ध अभिनेत्री आशा पारेख को प्रदान किया जाएगा. यह पुरस्कार नई दिल्ली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा. 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर को प्रदान किये जायेंगे. इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू करेंगी.
इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इसकी घोषणा करते हुए मै सम्मानित महसूस कर रहा हूँ. आशा पारेख जी के भारतीय सिनेमा में अनुकरणीय योगदान को सम्मान देने के लिए दादासाहेब फाल्के चयन जूरी ने यह निर्णय लिया है.
Honoured to announce that the Dadasaheb Phalke Selection Jury has decided to recognise & award Smt Asha Parekh ji for her exemplary lifetime contribution to Indian Cinema.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) September 27, 2022
The Dadasaheb Phalke Award shall be presented by the Hon President of India at
68th NFA in Vigyan Bhawan. pic.twitter.com/3MPa0HhvDL
जूरी में फिल्म उद्योग के पांच सदस्य:
52वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के चयन के लिए जूरी में फिल्म उद्योग के पांच सदस्य शामिल थे.जिसमे आशा भोसले, हेमा मालिनी,पूनम ढिल्लों,टी. एस. नागभरण और उदित नारायण शामिल थे.
आशा पारेख जी के बारें में:
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को भारत में एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम प्राणलाल पारेख और माता का नाम सुधा पारेख था. उनकी मां ने उन्हें कम उम्र में ही शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिलाया. छोटी उम्र में स्टेज शो के माध्यम से आशा ने नृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
फिल्मी करियर:
- प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने एक मंच समारोह में उनका नृत्य देखा और उन्हें दस साल की उम्र में माँ (1957) में कास्ट किया था. बाद में उन्होंने उन्हें बाप बेटी (1954) में कास्ट किया. यह उनके फिल्मी करियर की शुरुआत थी.
- फिल्म निर्माता ससाधर मुखर्जी और लेखक-निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें 'दिल देके देखो' (1959) में अभिनेत्री के रूप में कास्ट किया, जिसके बाद वह एक बड़ी स्टार बन गयी.
- शम्मी कपूर उनके पसंदीदा अभिनेता और दोस्त थे और उन्होंने तीन और फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें सबसे प्रसिद्ध मर्डर मिस्ट्री तीसरी मंजिल (1966) थी.
- आशा पारेख ने गुजराती, पंजाबी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. उन्होंने गुजराती धारावाहिक ज्योति (1990) का निर्देशन किया और पलाश के फूल, बाजे पायल, कोरा कागज़ और दाल में काला जैसे शो को प्रोड्यूस किया.
अवार्ड्स:
- दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के अतिरिक्त उन्हें सिनेमा जगत के कई अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है.
- उन्हें कटि पतंग के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार (1971) दिया गया था.
- देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से वर्ष 1992 में सम्मानित किया गया था.
- वर्ष 2002 में आशा पारेख को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था. साथ ही 2004 में कलाकार अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
- भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार से वर्ष 2006 में सम्मानित किया गया था.
दादा साहब फाल्के पुरस्कार:
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है. इसे भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के की स्मृति में प्रदान किया जाता है. दादा साहेब फाल्के को ‘भारतीय सिनेमा के पितामह’ कहा जाता है. यह पुरस्कार सर्वप्रथम वर्ष 1969 में देविका रानी को दिया गया था. हाल के वर्षों की बात करे तो वर्ष 2019 में प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत को यह पुरस्कार दिया गया था.
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