असम सरकार तथा भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) द्वारा संयुक्त रूप से 11 अक्टूबर 2018 से माजुली द्वीप पर रोल-ऑन-रोल-ऑफ (रो-रो) सेवा आरंभ की गई. यह फेरी सेवा असम में पहली बार लॉन्च की गई है.
रोल-ऑन-रोल-ऑफ (रो-रो) सेवा को असम स्थित नीमती तथा माजुली द्वीप के मध्य आरंभ किया गया है. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने इस सेवा के लिए एमवी भूपेन हजारिका को तैनात किया है.
असम की रो-रो सेवा
• इस रो-रो सुविधा के कारण लगभग 421 किलोमीटर की सड़क मार्ग की दूरी घटकर मात्र 12.7 किलोमीटर रह गई है.
• सवारी जलयान का नाम एमवी भूपेन हज़ारिका रखा गया है. इसकी लम्बाई 46.5 मीटर है तथा इसकी चौड़ाई 13.3 मीटर है.
• यह जलयान एक बार में आठ ट्रक तथा 100 यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की क्षमता रखता है.
• इसकी स्पीड 22 किलोमीटर प्रति घंटा है जो कि नदी में चलने वाले जलयान के लिए पर्याप्त है.
• इसके दो मुख्य इंजन है जबकि दो अन्य इंजनों को आपातकाल स्थिति के लिए रिज़र्व में रखा गया है.
रोल ऑन रोल ऑफ (रो-रो) सेवा क्या है? |
रो रो फेरी सेवा से तात्पर्य उस प्रकार की यात्रा सेवा से हैं जिनकी सहायता से जल मार्ग पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाया जाता है. यह स्थानीय स्तर पर आरंभ की जाने वाली यात्राएं होती हैं. इसमें मौजूद जलयान द्वारा ट्रक, कार जैसे वाहनों सहित मनुष्य भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करते हैं. |
माजुली द्वीप के बारे में
एक सितंबर 2016 को माजुली द्वीप को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था. इसे विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप घोषित किया गया. इससे पहले तक ब्राजील के माराजो द्वीप के पास यह खिताब था. नीज बुक में यह भी कहा गया कि माजुली द्वीप में 1.60 लाख लोग रहते हैं. माजुली का जिला मुख्यालय जोरहाट शहर है जो यहाँ से 20 किमी की दूरी पर है. माजुली जाने के लिए जोरहाट से नियमित परिवहन सेवाएँ उपलब्ध हैं. माजुली जाने के लिए फेरी लेना जरुरी है क्योंकि यहाँ नदी पर पुल नहीं है. असम की राजधानी गुवाहाटी से माजुली द्वीप लगभग 200 किलोमीटर पूर्व में है.
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