वैज्ञानिकों ने पहली बार लिया ब्लैक होल का तस्वीर

Apr 11, 2019, 15:34 IST

यह ब्लैक होल धरती से 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष (लगभग 9.5 लाख करोड़ किलोमीटर) दूर एम-87 गैलेक्सी में स्थित है. मानव इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि पूरी दुनिया ब्लैक होल की असली तस्वीर देख सकती है.

Astronomers have finally captured an image of a black hole
Astronomers have finally captured an image of a black hole

वैज्ञानिकों ने पहली बार ब्लैक होल का चित्र लिया. वैज्ञानिकों ने एक साथ वाशिंगटन, सैंटियागो, शंघाई, ताइपे, ब्रसेल्स और टोक्यो में इस तस्वीर को जारी किया. तस्वीर टेलीस्कोप के एक ग्लोबल नेटवर्क की मदद से खींची गई है.

यह ब्लैक होल धरती से 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष (लगभग 9.5 लाख करोड़ किलोमीटर) दूर एम-87 गैलेक्सी में स्थित है. मानव इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि पूरी दुनिया ब्लैक होल की असली तस्वीर देख सकती है.

उद्देश्य:

इस शोध का मुख्य उद्देश्य विभिन्न ब्लैक होल की नजदीक से जानकारी जुटाना है. वैज्ञानिकों को इस अध्ययन से जो जानकारी मिली है, उससे साल 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया सापेक्षता का सिद्धांत और मजबूत हुआ है.

मुख्य बिंदु:

•   यह उपलब्धि साल 2012 में शुरू किए गए इवेंट होराइजन टेलीस्कोप के शोध का नतीजा है.  

•   इसके लिए शोध कार्य इवेंट होराइजन टेलिस्कोप (EHT) प्रोजेक्ट के तहत किया गया.

•   इवेंट होराइजन टेलिस्कोप (EHT) प्रोजेक्ट के तहत कई रेडियो टेलीस्कोप एंटीना को इस तरह जोड़ा गया ताकि वह एक टेलीस्कोप की तरह काम करें.

•   अप्रैल 2017 में स्पेन, मेक्सिको, चिली, हवाई, एरिजोना और अंटार्कटिका में स्थापित टेलीस्कोप की मदद से पहला डाटा मिला था. उसके बाद फ्रांस और ग्रीनलैंड के टेलीस्कोप भी इसका हिस्सा बन गए.

•   वैज्ञानिकों ने एम-87 गैलेक्सी में मौजूद ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है, जो धरती से 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. इसका द्रव्यमान सूर्य से साढे छह अरब गुना है.

•   इसके अलावा वैज्ञानिकों ने हमारी आकाश गंगा के मध्य में स्थित एक ब्लैक होल सैगिटेरियस-ए का डाटा भी जुटाया है.

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अलग-अलग 6 टेलीस्कोप:

इस ब्लैक होल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए विश्व भर में अलग-अलग 6 टेलीस्कोप लगाए गए. इस प्रोजेक्ट के लिए हवाई, एरिजोना, स्पेन, मेक्सिको, चिलि और दक्षिणी ध्रुव में इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप लगाया गया था. इसका निर्माण खासतौर पर ब्लैक होल की तस्वीर लेने हेतु ही किया गया था.

ब्लैक होल क्या है?

ब्लैक होल एक शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण युक्त खगोलीय क्षेत्र होता है जिसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से प्रकाश भी नहीं बच सकता. ब्लैक होल या श्याम विवर तारों की मृत्यु के बाद की अवस्था को कहते हैं. तारे अपने केंद्र में हाइड्रोजन का हीलियम में संलयन या फ्यूज़न से पैदा होने वाली ऊर्जा से चमकते हैं.

ब्लैकहोल का गुरुत्वाकषर्ण इतना शक्तिशाली होता है कि इससे न तो अणुओं बच सकते हैं, वहीं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकरण जैसे प्रकाश का भी इससे बाहर आना नामुमकिन है. जिसके चलते इसे ब्लैक होल कहा जाता है, क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और कुछ भी बाहर नहीं जाने देता है.

पृष्ठभूमि:

गौरतलब है कि पिछले पचास वर्ष से अधिक समय से वैज्ञानिक इसके बारे में खोज कर रहे थे. उन्होंने इसी दौरान पाया कि आकाशगंगा के केंद्र में कुछ बहुत चमकीला है और उसी समय से इसे लेकर वैज्ञानिकों में जिज्ञासा बढ़ने लगी और इसकी हकीकत जानने के लिए खोज शुरू की गई. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्लैक होल में इतना मजबूत गुरुत्वाकर्षण है कि तारों को इसकी परिक्रमा करने में बीस वर्ष तक का समय लगता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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