वैज्ञानिकों को पहली बार सौरमंडल के बाहर किसी चंद्रमा का साक्ष्य मिला

रिपोर्ट के मुताबिक, यह चांद अपने आकार की वजह से काफी विचित्र है. वैज्ञानिकों का कहना है कि आकार के मामले में इसकी तुलना वरूण ग्रह से की जा सकती है.

Oct 5, 2018, 10:51 IST
Astronomers may have discovered the first moon ever found outside our Solar System
Astronomers may have discovered the first moon ever found outside our Solar System

खगोल वैज्ञानिकों ने हब्बल एवं केपलर अंतरिक्ष दूरबीनों की मदद से हमारे सौरमंडल के बाहर पहले चंद्रमा (एक्जोमून) का पता लगाया है. यह धरती से 8,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशालकाय गैसीय ग्रह की परिक्रमा कर रहा है. ऐसा पहली बार है जब सौरमंडल के बाहर किसी चंद्रमा की खोज गई है.

‘साइंस एडवांसेस’ पत्रिका में प्रकाशित लेख के अनुसार यह एक्जोमून अपने बड़े आकार (नेप्चून के व्यास की तुलना में) के कारण अनोखा है. यह अपने आप में एक पहली घटना है.

मुख्य तथ्य:

•   दरअसल हमारे सौरमंडल से बाहर स्थित ग्रह को एक्जोप्लैनेट (बहिर्ग्रह) और इसके चंद्रमा यानी उपग्रह को ‘एक्जोमून’ कहते हैं.

•   वैज्ञानिकों ने इसके लिए ह्यूबल और केप्लर स्पेस टेलिस्कॉप का इस्तेमाल किया है.

•   रिपोर्ट के मुताबिक, यह चांद अपने आकार की वजह से काफी विचित्र है. वैज्ञानिकों का कहना है कि आकार के मामले में इसकी तुलना वरूण ग्रह से की जा सकती है.

•   अमेरिका स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इस तरह का विशाल चंद्रमा हमारे खुद के सौरमंडल में नहीं है लेकिन ऐसे 200 प्राकृतिक उपग्रहों को सूचीबद्ध किया गया है.

•   नेप्च्यून के आकार वाला यह एक्सोमून 'केप्लर-1625b' नामक तारे की परिक्रमा कर रहा है. बतौर वैज्ञानिक, अगर एक्सोमून की पुष्टि हो जाती है तो यह खोज खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि साबित होगी.

कोलंबिया विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान के सहायक प्रोफेसर डेविड किपिंग ने कहा की यह ऐसा मामला है जब हमारे सौरमंडल से बाहर ऐसे चंद्रमा का पता लगा है. उन्होंने कहा की अगर हब्बल दूरबीन के अवलोकन में बाद में भी इसकी पुष्टि हो जाती है तो इससे ग्रहीय प्रणाली के विकास के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है और इससे विशेषज्ञ ग्रहों के इर्द-गिर्द उपग्रहों के निर्माण की संख्या से संबंधित सिद्धांतों पर फिर से गौर कर सकते हैं.

सौरमंडल का सबसे बड़ा चांद:

सौरमंडल का सबसे बड़ा चांद गेनीमेड है, जो बृहस्पति की परिक्रमा करता है. इसका व्यास करीब 5,260 किलोमीटर है. वहीं इस बाहरी चांद का व्यास करीब 49,000 किलोमीटर है. यह बाहरी चांद और उसका मूल ग्रह केपलर-1625 की परिक्रमा करते हैं. केपलर-1625 तापमान में हमारे सूर्य जैसा ही तारा है, लेकिन आकार में इससे करीब 70 प्रतिशत ज्यादा है. यह चांद अपने ग्रह से करीब 30 लाख किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करता है. इसका द्रव्यमान मूल ग्रह के करीब 1.5 फीसद के बराबर है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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