विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने 06 जून 2019 को रिटायरमेंट (सेवानिवृत्त) का घोषणा कर दिये. अजीम प्रेमजी विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन पद से 30 जुलाई को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. वे 53 साल कंपनी की अगुवाई करने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
विप्रो ने 06 जून 2019 को बयान जारी कर कहा कि अजीम प्रेमजी गैर-कार्यकारी निदेशक और संस्थापक चेयरमैन के रूप में निदेशक मंडल में बने रहेंगे. उनके बेटे मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मंडल के सदस्य रिशद प्रेमजी कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन का पदभार संभालेंगे.
विप्रो बोर्ड ने मौजूदा सीईओ आबिदाली जेड नीमचवाला को सीईओ के साथ-साथ मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) की भी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है. कंपनी ने कहा की ये बदलाव शेयरधारकों की स्वीकृति मिलने के बाद 31 जुलाई 2019 से प्रभावी होंगे.
अजीम प्रेमजी के बारे में: |
विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी दुनिया के चंद बड़े दानवीरों में शामिल हैं. अजीम प्रेमजी ने इस साल भी विप्रो लिमिटेड के 34 फीसदी शेयर दान कर दिए हैं. इन शेयर का बाजार मूल्य 52,750 करोड़ रुपये है. अजीम प्रेमजी के हाथों में कंपनी की करीब 53 साल तक कमान रही. फोर्ब्स की सूची में अजीम प्रेमजी विश्व में 38वें स्थान पर हैं. उनकी कुल नेटवर्थ 510 करोड़ रुपये है. अजीम प्रेमजी ने अपनी मां के चैरिटेबल कामकाज से प्रेरित होकर साल 2001 में अपनी दान यात्रा शुरू की थी. उन्होंने करीब 875 करोड़ रुपए के साथ ‘द अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की शुरुआत की. उन्होंने इसके बाद इसके लिए करीब 280 अरब रुपए और दान किए. प्रेमजी को दुनिया एक दानवीर के रूप में भी जानती है. साथ ही, उन्हें भारतीय आईटी इंडस्ट्री का सम्राट भी कहा जाता है. उन्हें टाइम मैगजीन ने साल 2004 और साल 2011 में 100 सबसे प्रभावी लोगों की सूची में शामिल किया था. |
रिशद प्रेमजी कौन है?
रिशद प्रेमजी साल 2007 में विप्रो से जुड़े थे. उन्होंने यहाँ इन्वेस्टर रिलेशन और कॉरपोरेट अफेयर्स से जुड़े काम शुरू किया. रिशद प्रेमजी विप्रो में काम शुरू करने से पहले, वे बेव कंपनी लंदन में काम करते थे. उन्होंने जीई कैपिटल के साथ भी काम किया है. रिशद विप्रो की तरफ से चलाए जा रहे सामाजिक और शिक्षा से जुड़े कामों को भी देखते रहे हैं.
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रिशद प्रेमजी ने हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए और अमेरिका के वेस्लेयन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. रिशद ने इसके साथ ही लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी स्पेशल कोर्स किया है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने साल 2014 में रिशद को यंग ग्लोबल लीडर के तौर पर सम्मानित किया था. रिशद आईटी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम (NASSCOM) के चेयरमैन भी रहे हैं.
विप्रो (wipro) के बारे में:
विप्रो देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी है. विप्रो के दुनियाभर में करीब एक लाख तीस हजार कर्मचारी हैं और इसकी 54 देशों में शाखाएं हैं. विप्रो का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है.
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