पूर्व सांसद और ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन समिति के नेता सैयद शहाबुद्दीन का 82 वर्ष की अवस्था में 04 मार्च 2017 को नोएडा के एक अस्पताल में निधन हो गया. उनका जन्म 4 नवम्बर 1935 में झारखंड के रांची में सैयद निजामुद्दीन और सकीना बानो के घर हुआ.
सैयद शहाबुद्दीन के बारे में-
- सैयद शहाबुद्दीन झारखण्ड के रांची शहर से कद्दावर नेता थे. वह बाबरी मस्जिद विध्वंस के विपक्षी भी थे.
- वह तीन बार वर्ष 1979 - वर्ष 1996 में सांसद रहे.
- सैयद शहाबुद्दीन ने लम्बे समय तक सुप्रीम कोर्ट में बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस की.
- सैयद शहाबुद्दीन रिटायर्ड आईएफ़एस थे. वे वर्ष 1958 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुने गए.
- वर्ष 1978 में सैयद शहाबुद्दीन ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया
- सैयद शाहबुद्दीन ने एक राजनयिक, राजदूत और एक राजनेता के रूप में कार्य किया.
- वह लोकसभा और राज्य सभा के सदस्य रहे.
- वह विदेश मंत्रालय में दक्षिण पूर्व एशिया, हिंद महासागर और प्रशांत के प्रभारी संयुक्त सचिव रहे.
- सैयद शाहबुद्दीन ने 1989 में इंसाफ पार्टी की स्थापना की. एक साल के भीतर ही पार्टी को भंग भी कर दिया.
- ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस -ए- मुशावरात के वर्ष 2004 से 2007 तक अध्यक्ष के अलावा वह कई अन्य मुस्लिम संस्थाओं में भी पदाधिकारी रहे.
- पाकिस्तान से लेकर सऊदी अरब तक अनेक समाचारपत्रों में विभिन्न विषयों पर उनके अनेक लेख भी छपे.
- उन्होंने वर्ष 1983 से 2002 तक और जुलाई 2006 से मासिक जरनल मुस्लिम इंडिया के रिसर्च का संपादन भी किया.
- छात्र जीवन में वह बिहार स्कूल परीक्षा समित की मैट्रिक की परीक्षा के टॉपर रहे.
देश में सुर्खियों में रहे शहाबुद्दीन-
- सैयद शहाबुद्दीन का नाम शाह बानो केस और बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद देश भर में सुर्खियों में रहा.
- बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद सैयद शहाबुद्दीन ने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा भी दे दिया.
- सैयद शहाबुद्दीन भारत के संघीय ढ़ांचे के पैरोकार थे. उनकी व्यक्तिगत राय में शासन के हर स्तर पर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
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