भारत और बांग्लादेश ने 09 अप्रैल 2018 को सिलीगुड़ी से पारबतीपुर के बीच 129.5 किलोमीटर लंबी तेल पाइपलाइन के निर्माण सहित छह सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए. भारत से सालाना 10 लाख टन तेल की आपूर्ति की जाएगी.
भारत पहले से ही बांग्लादेश को बिजली दे रहा है. अब एक अहम समझौता परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर है. भारत बांग्लादेश को परमाणु बिजली संयंत्र लगाने में मदद करेगा. भारत ने पिछले सात वर्षो में बांग्लादेश को आठ अरब डॉलर की आर्थिक मदद मुहैया कराई है.
भारत के विदेश सचिव विजय केशव गोखले और बांग्लादेश के विदेश सचिव मुहम्मद शहीदुल हक के बीच ढाका के स्टेट गेस्ट हाउस पदमा में हुई द्विपक्षीय बातचीत में इन समझौतों पर सहमति बनी.
इस दौरान दोनों पक्षों ने तीस्ता जल साझेदारी मुद्दे और रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर भी चर्चा की. इस मौके पर भारत और बांग्लादेश के बीच आपसी रिश्ते को और बेहतर करने पर भी जोर दिया गया.
बांग्लादेश में शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, सड़क आदि सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यों के लिए भारत करीब 1600 करोड़ टका की मदद करेगा.
अन्य समझौता:
• भारत के प्रसार भारती और बांग्लादेश के बेतार के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर.
• ढाका यूनिवर्सिटी में आईसीसीआर उर्दू चेयर की स्थापना के लिए सहमति.
• जीसीएनईपी-बीएईसी इंटर एजेंसी एग्रीमेंट.
• बांग्लादेश के 500 स्कूलों में लैंग्वेज लैब की स्थापना पर सहमति.
• रंगपुर शहर में सड़कों के विकास के लिए दो सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर.
भारत-बांग्लादेश संबंध:
भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं. हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं. बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है. भारत और बांग्लादेश के बीच हुए “परमाणु समझौते” को दक्षिण एशिया की राजनीति में बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया था. खासकर ऊर्जा के क्षेत्र में उस समझौते को बेहद कारगर समझा गया.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में पहली बार सिख महिलाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण केंद्र आरंभ
Comments
All Comments (0)
Join the conversation