बसवराज बोम्मई कर्नाटक के नए CM बन गए हैं. राजभवन में राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने 28 जुलाई 2021 को बसवराज बोम्मई को पद की शपथ दिलवाई. इससे पहले 26 जुलाई को विधायक दल की बैठक में इस्तीफा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ही 27 जुलाई को बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा था.
बसवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि बसवराज बोम्मई अनुभवी हैं और भरोसा है कि वे कर्नाटक में हमारी सरकार द्वारा किए गए असाधारण कामों को आगे बढ़ाएंगे. बसवराज सोमप्पा बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का बेहद ख़ास और करीबी बताया जाता है.
सिंचाई के मामलों के एक्सपर्ट
इंजीनियर और खेती से जुड़े होने के नाते बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है. राज्य में कई सिंचाई परियोजना शुरू करने की वजह से उनकी तारीफ होती है. उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100 प्रतिशत पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है.
Basavaraj Bommai sworn-in as the new Chief Minister of Karnataka pic.twitter.com/4RPPysdQBa
— ANI (@ANI) July 28, 2021
बसवराज बोम्मई के बारे में
बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुबली में हुआ था. पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के पुत्र बसवराज कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं. उन्होंने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में बीई की डिग्री ली.
बसवराज बोम्मई की पत्नी का नाम चेन्नम्मा हैं और उनके दो बच्चे हैं. बसवराज बोम्मई इस साल के शुरुआत में कर्नाटक के गृह मंत्री बनाए गए थे. वे कर्नाटक विधानसभा के 2004 से 2008 तक भी सदस्य रहे हैं.
वे धारवाड़ से 1998 और 2004 में विधायक चुने गए. जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने तो वे हावेरी जिले के शिगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए. उनका पूरा नाम बसवराज सोमप्पा बोम्मई है.
कर्नाटक के गृह मामले, कानून, संसदीय मामले के मंत्री रहे बोम्मई ने हावेरी और उडुपी के जिला प्रभारी मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने इससे पहले जल संसाधन और सहकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया है.
बसवराज ने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी. वह मैकेनिकल इंजीनियर होने के साथ ही पेशे से किसान और उद्यमी भी हैं. उन्होंने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी.
वे साल 2008 में जनता दल से भाजपा में शामिल हुए थे. उसके बाद भाजपा पार्टी और सरकार में महत्वपूर्ण पदों को संभाल रहे हैं.
पहले ही माना जा रहा था कि लिंगायत समुदाय से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने की प्राथमिकता होगी, क्योंकि कर्नाटक में लगभग 17 प्रतिशत की आबादी वाले लिंगायत का राजनीतिक प्रभाव काफी है.
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