प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और बेल्जियम के प्रधान मंत्री चार्ल्स मिचेल ने संयुक्त रूप से 30 मार्च 2016 को एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन ‘आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज)’ का बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स से रिमोट से शुभारंभ’ किये.
यह दूरबीन उत्तराखंड में नैतीताल के पास देवस्थल में मनोरा पहाड़ी पर स्थित है. इसे देवस्थतली ऑप्टिकल टेलीस्कोधप (डीओटी) के नाम से भी जाना जाता है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• डॉट एशिया में सबसे बड़ा भूमि आधारित ऑप्टिकल टेलीस्कोप है.
• यह स्टार संरचनाओं और सितारों के चुंबकीय क्षेत्र की संरचनाओं का अध्ययन करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
• इसका निर्माण बेल्जियम के एडवांस्डर मैकेनिकल ऑप्टिकल सिस्टडम्स् (एएमओएस) और एरीज द्वारा किया गया है.
• यह दूरबीन भारत-बेल्जियम के सहयोगात्मक प्रयास का उत्पाद है और रूसी विज्ञान अकादमी ने सहायता प्रदान की है.
• यह एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन के रूप में कावलोर, तमिलनाडु में स्थित वेणु बाप्पु वेधशाला की जगह लेगा.
• इसका प्राथमिक दर्पण 3.6 मीटर चौड़ा है एंड इसका सहायक दर्पण 0.9 मीटर चौड़ा है. दूरबीन में दर्पण की व्यवस्था रित्चेय-च्रेतें (Ritchey-Chrétien) डिजाइन पर आधारित हैं.
• मार्च 2015 से फरवरी 2016 के दौरान एएमओएस और एरीज द्वारा संयुक्तर रूप से टेलिस्कोप का सफल परीक्षण किया गया.
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