छात्र जीवन में योग का महत्व

Jun 20, 2017, 17:37 IST

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने का प्रस्ताव रखा था.

yoga day

विश्वभर में 21 जून 2017 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इसका श्रेय संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी की पहल को जाता है जिसके कारण यह दिवस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं योग दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.

पिछले वर्ष 21 जून 2015 को नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बने. पहला यह कि इस समारोह में विश्व भर के 36 हजार प्रतिभागियों ने आसन प्रक्रिया में भाग लिया तथा दूसरा 84 देश आधिकारिक रूप में शामिल हुए.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाये जाने का प्रस्ताव रखा था.

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उद्देश्य
•    लोगों को योग की अद्भुत और प्राकृतिक गुणों तथा लाभ से परिचित कराना
•    योगाभ्यास के जरिये लोगों को प्रकृति के समीप लाना
•    विशव भर में योग द्वारा चुनौतीपूर्ण रोगों की दर में कमी लाना.
•    विश्व भर में शांतिपूर्ण सहज विकास की प्रवृति पर जोर देना
•    योग के माध्यम से तनाव रहित जीवन और अपने खराब स्वास्थ्य को पुनः सही करने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना.
•    स्वस्थ जीवन शैली और आनंदमय जीवन के अधिकार के प्रति सजगता की प्रवृति का योग के माध्यम से जन जन में संचार करना.
•    विदित हो कि पतंजलि ने अपने महाभाष्य के योग सूत्र में योग को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अनुशासन का एक सहज अभ्यास के रूप में उल्लेख किया है.

छात्र जीवन के लिए योग और भी अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने पर ही शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया जा सकता है. इसके लाभ के बारे में हम बता रहे हैं.

एकाग्रता बढ़ाता है
पढ़ाई में मन न लगने तथा एकाग्रता की कमी के चलते योग को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. योग अभ्यास करने वाले लोगों का कहना है कि योग अभ्यास से शरीर स्वस्थ होता है तथा मन-मस्तिष्क जागरुक होता है. प्राणायाम के अतिरिक्त छात्रों को एकाग्रता बढ़ाने के लिए ताड़ासन, वृक्षासन एवं बकासन करने चाहिए.

शरीर स्वस्थ रहता है
आज से हजारों वर्ष पूर्व ऋषि-मुनियों ने हमें योग का ज्ञान दिया था. उस समय चिकित्सा विज्ञान आज जैसा विकसित नहीं था लेकिन तब भी लोग शतायु होते थे. दरअसल, योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है. नियमित योग अभ्यास बीमारियों से दूर रखता है तथा इच्छा शक्ति को प्रबल बनाता है. प्राणायाम, बकासन, पश्चिमोतान-आसन आदि योग मुद्राएं लाभदायक हो सकती हैं.

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

योगाभ्यास से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. चेहरे पर चमक आती है. शरीर में दिन-प्रतिदिन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं. बुढ़ापे में भी स्वस्थ बने रहते हैं. शरीर निरोग, बलवान और स्वस्थ बनता हैं. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सूर्य-नमस्कार, भुजंगासन, त्रिकोणासन आदि फायदेमंद हो सकते हैं.

तनाव दूर रहता है
योग के रोजाना अभ्यास से मांसपेशियों की कसरत होती है जिससे शरीर का तनाव दूर होता है. यह रक्तचाप, डायबीटीज और ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल नियंत्रण रखने में भी सहायक होता है. इसके नित्य अभ्यास से पाचन सही रहता है, नींद अच्छी आती है, भूख अच्छी लगती है और कई फायदे होते हैं. तनाव से निपटने के लिए अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, पश्चिमोतानआसन, हास्य योग, शवासन एवं अंजली मुद्रा तनाव से निपटने में कारगर हो सकते हैं.

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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