बिहार विधानसभा ने 23 जुलाई 2018 को शराबबंदी कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इन संशोधनों के जरिये शराबबंदी कानून को पहले के मुकाबले काफी हद तक नरम किया गया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिल पेश करने के दौरान कहा कि राज्य में शराबबंदी लागू होने से काफी फायदा हुआ है. इस कानून को पेश करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी गरीब आदमी के लिए लाया गया था. गरीब लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा शराब खरीदने पर खर्च कर रहे थे. घरेलू हिंसा बढ़ गई थी.
संशोधित विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:
- पहली बार शराब पीने पर पकड़े जाने की स्थिति में आरोपित पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा या फिर उसे तीन महीने जेल की सजा काटनी होगी. यही नहीं, पहले इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जमानत का प्रावधान नहीं था लेकिन, अब इस कानून में जमानत का विकल्प जोड़ दिया गया है.
- हालांकि दूसरी बार इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए एक लाख रुपये के जुर्माने और पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
- संशोधन से पहले यदि किसी भवन से शराब बरामद होती थी तो उस भवन को जब्त करने का प्रावधान था. लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है.
- इसके अतिरिक्त सभी बालिग सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने की व्यवस्था थी लेकिन अब सिर्फ शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले को ही गिरफ्तार किए जाने का प्रावधान किया गया है.
- किसी गांव में शराब बनाने के धंधे का पता चलने पर सामूहिक जुर्माने का प्रावधान था. अब इसे खत्म कर दिया जाएगा.
- किरायेदार के पास अगर शराब मिलती है तो घर जब्त नहीं होगा. आरोपित पर मुकदमा होगा.
पृष्ठभूमि:
बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में किसी भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. इसमें नीतीश सरकार ने देसी शराब के बनाने से लेकर उसके बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी. आरम्भ में केवल देसी शराब पर रोक थी बाद में सभी प्रकार की शराब की बिक्री को प्रतिबन्धित कर दिया गया.
किसी घर से शराब की बोतल बरामद होने पर उस परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रावधान था. इस निर्णय के बाद बिहार देश का चौथा राज्य बना गया था जहां शराब बेचना और खरीदना पूर्णतया प्रतिबंधित है. गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में शराबबंदी कानून पहले से ही लागू है.
लगभग सवा लाख से अधिक मुकदमे विभिन्न न्यायालयों में चल रहा है, जिसकी सुनवाई में काफी दिक्कत हो रही है. इन सभी मुद्दों को देखकर शराब बंदी कानून में बदलाव किया जाएगा.
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