19 मार्च, 2021 को राज्य उद्योग मंत्री, सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने इथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति, 2021 का शुभारंभ किया.
राज्य कैबिनेट द्वारा नीति को इस मंजूरी दिए जाने के बाद, बिहार जैव ईंधन, 2018 की राष्ट्रीय नीति के तहत इथेनॉल संवर्धन नीति लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है.
इस लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए, शाहनवाज ने यह बताया कि, निवेशकों, तेल विनिर्माण कंपनियों और बैंकों के बीच हुआ एक त्रिपक्षीय समझौता, बिहार में ग्रीनफील्ड स्टैंडअलोन इथेनॉल विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए सुरक्षित ऋण प्रदान करने के लिए संपार्श्विक के तौर पर कार्य करेगा.
इथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति, 2021 के बारे में
यह नीति इथेनॉल की निकासी की अनुमति देगी, जो पहले गन्ने की अधिशेष मात्रा के साथ-साथ गन्ने तक सीमित थी.
एक निवेशक को संयंत्र के साथ-साथ मशीनरी की लागत का 15% अतिरिक्त सरकारी अनुदान भी मिलेगा जोकि अधिकतम 05 करोड़ रुपये तक होगा. यह बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत मौजूदा प्रोत्साहनों के अतिरिक्त होगा.
मुख्य विशेषताएं
• यह नीति निवेशकों के साथ-साथ अन्य हितधारकों को भी पारिश्रमिक रिटर्न प्रदान करेगी.
• यह उन किसानों की आय को सीधे तौर पर बढ़ाएगी जो इथेनॉल निर्माण के लिए फीडस्टॉक या कच्चे माल का उत्पादन कर रहे हैं.
• सरकार द्वारा यह वित्तीय सहायता ग्रीनफील्ड स्टैंडअलोन विनिर्माण इकाइयों को प्रदान की जाएगी जोकि केंद्र सरकार के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत तेल निर्माण कंपनियों को 100% की आपूर्ति करने के साथ-साथ इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं.
• यह नीति रोज़गार निर्मित करने में मदद करने के साथ-साथ प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगी. वर्तमान में, देश में पेट्रोल में बायोइथेनॉल सम्मिश्रण 6.2% है, जबकि सरकार ने वर्ष, 2030 तक 20% सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है.
इथेनॉल उत्पादन बढ़ायेगा भारत
वर्तमान में, भारत में 5.30 हजार बैरल इथेनॉल का उत्पादन होता है, जो ब्राजील या USA की तुलना में बहुत कम है.
दूसरी ओर, बिहार लगभग 12 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करता है और देश में इथेनॉल उत्पादन में 5 वें स्थान पर है. इस नवीनतम नीति के कार्यान्वयन के साथ, हमारी सरकार का लक्ष्य भारत को एक इथेनॉल हब बनाना है और हर साल 50 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पन्न करना है.
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