बिहार के सिलाव खाजा व्यंजन को जीआई टैग प्रदान किया गया

बिहार स्थित राजगीर और नालंदा के बीच स्थित सिलाव नामक स्थान है. इस स्थान पर खाजा की मिठाई बेहद प्रसिद्ध है इसलिए इस मिठाई को सिलाव खाजा के नाम से जाना जाता है.

Dec 24, 2018, 09:17 IST
Bihar's sweet delicacy Silao Khaja gets GI tag
Bihar's sweet delicacy Silao Khaja gets GI tag

बिहार में मिलने वाले मिष्ठान सिलाव खाजा को हाल ही में भौगोलिक संकेत (GI) दिया गया है. बिहार की यह पारंपरिक मिठाई इस क्षेत्र की विशिष्टता को दर्शाने में अहम भूमिका निभाएगी. जीआई डिप्टी रजिस्ट्रार जी. नायडू ने इस व्यंजन जीआई टैग मिलने की घोषणा की.

माना जाता है कि सिलाव खाजा की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले तथा बिहार के पश्चिमी जिलों से हुई. इसका निर्माण गेहूं के आटे, मैदा, चीनी तथा इलायची इत्यादि से किया जाता है. वर्तमान में यह व्यंजन बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश इत्यादि में काफी लोकप्रिय है. इससे पहले बिहार की शाही लीची को भी जीआई टैग प्रदान किया गया था.

 

सिलाव खाजा

  • बिहार स्थित राजगीर और नालंदा के बीच स्थित सिलाव नामक स्थान है. इस स्थान पर खाजा की मिठाई बेहद प्रसिद्ध है इसलिए इस मिठाई को सिलाव खाजा के नाम से जाना जाता है.
  • यहां का खाजा बेहद खास होता है जिसे 52 परतों में बनाया जाता है.
  • यह मिठाई दिखने में पैटीज़ जैसी होती है लेकिन स्वाद में मीठी होती है.
  • इसके लिए आटे, मैदा, चीनी तथा इलायची का प्रयोग किया जाता है.
  • यह सिलाव खाजा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कार्यक्रमों में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है.

 

भौगोलिक संकेत (जीआई टैग)

 •    जीआई टैग अथवा भौगोलिक चिन्ह किसी भी उत्पाद के लिए एक चिन्ह होता है जो उसकी विशेष भौगोलिक उत्पत्ति, विशेष गुणवत्ता और पहचान के लिए दिया जाता है और यह सिर्फ उसकी उत्पत्ति के आधार पर होता है.

•    ऐसा नाम उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशेषता को दर्शाता है.

•    दार्जिलिंग चाय, महाबलेश्वर स्ट्रोबैरी, जयपुर की ब्लूपोटेरी, बनारसी साड़ी और तिरूपति के लड्डू कुछ ऐसे उदाहरण है जिन्हें जीआई टैग मिला हुआ है.

•    जीआई उत्पाद दूरदराज के क्षेत्रों में किसानों, बुनकरों शिल्पों और कलाकारों की आय को बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा सकते हैं.

•    ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हमारे कलाकारों के पास बेहतरीन हुनर, विशेष कौशल और पारंपरिक पद्धतियों और विधियों का ज्ञान है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है और इसे सहेज कर रखने तथा बढ़ावा देने की आवश्यकता है.

 

यह भी पढ़ें: वर्ष 2018 में परमाणु उर्जा विभाग की पहलें और उपलब्धियां

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News