बिम्सटेक देशों के सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई 2019 को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और किर्गीस्तान के राष्ट्रपति एस जीनबेकोव ने भी कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर अपनी सहमति दे दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के अनुसार, बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की पुष्टि की है.
मुख्य बिंदु:
• म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि वे इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
• थाईलैंड की ओर से विशेष दूत ग्रिसाडा बूनरैक समारोह में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.
• भारत ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक देशों के नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गीस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरीशस के प्रधानमंत्री जगन्नाथ को भी आमंत्रित किया है.
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बिम्सटेक क्या है? |
बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीप देशों का एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है. इसमें बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड जैसे सात देश शामिल हैं. इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है. |
पृष्ठभूमि:
प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2014 में शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सभी दक्षेस नेताओं को आमंत्रित किया था. हालांकि, 30 मई 2019 के समारोह के लिए बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किये जाने को पाकिस्तान को इस बात का संकेत भेजने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत उसके साथ बातचीत नहीं करना चाहता है. पुलवामा हमले और बाद में भारतीय वाय़ुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया है.
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