बोलिविया के राष्ट्रपति ईवो मोरालेस ने जुलाई 2017 में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से “निर्भरता से मुक्ति” की घोषणा की है. राष्ट्रपति मोरालेस ने यह घोषणा अपने ट्विटर अकाउंट पर की.
इस सोशलिस्ट नेता ने अर्जेंटीना में एक समारोह में अपने साथियों के साथ एक बैठक के बाद ट्विटर पर यह टिप्पणी प्रकाशित की.
ईवो मोरालेस ने ट्वीट में लिखा, "1944 में आज की तरह एक दिन ब्रेटन वुड्स इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस (यूएसए) का अंत किया गया तथा आईएमएफ तथा डब्ल्यूबी की स्थापना की गयी. इन संगठनों ने बोलिविया और दुनिया के आर्थिक भाग्य को निर्धारित किया. आज हम यह कह सकते हैं कि हमारे पास पूर्ण स्वतंत्रता है.”
इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति मोरालेस ने विश्व की बड़ी शक्तियों पर लीबिया, इराक, और वेनेजुएला जैसे तेल से संपन्न राष्ट्रों में “उचित संसाधन” की तलाश में दखल देने का आरोप भी लगाया. राष्ट्रपति ने यह बयान उस समय दिया जब बोलीविया मेर्कोसुर अर्थात दक्षिण अमेरिकी कॉमन मार्केट में प्रवेश के लिए प्रक्रिया आरंभ कर रहा है. इस समूह में अर्जेंटीना, ब्राज़ील, परागुवे, उरुग्वे एवं वेनेज़ुएला शामिल हैं.
बोलीविया अब तक चिली, कोलंबिया, इक्वाडोर, गुयाना, पेरू तथा सूरीनाम के साथ इस समूह का एसोसिएट मेंबर था.
पृष्ठभूमि
ऐतिहासिक रूप से, बोलिविया अपने समाजवादी सरकार के व्यय के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर निर्भर रहा है तथा वाहन से भारी ऋण लेता रहा है. राष्ट्रपति मोरालेस ने तंज कसते हुए कहा कि बोलीविया का भूतकाल भी बेहतर रहा है क्योंकि उस दौरान आईएमएफ का एक ऑफिस सरकारी मुख्यालय में हुआ करता था और वे सरकारी बैठकों में भाग भी लिया करते थे.
राष्ट्रपति मोरालेस वर्ष 2006 में बोलीविया के पहला स्वदेशी नेता बने थे. वे यहां के प्रसिद्ध आंदोलन ‘द कोचाबांबा वॉटर वॉर’ के बाद सत्ता में आये थे. यह आंदोलन अमेरिका के खिलाफ था जिसमें पानी के निजीकरण के खिलाफ आवाज़ उठाई गयी थी.

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