ब्रिक्स विदेश मंत्रियों का अंतर्राष्ट्रीय संबंध पर यह वीडियो सम्मेलन गत 28 अप्रैल, 2020 को इस समूह के वर्तमान अध्यक्ष, रूस के नेतृत्व में आयोजित किया गया था. रूसी विदेश मामलों के मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस बैठक की मेजबानी की.
| ब्रिक्स राष्ट्र |
| बी-ब्राजील |
| आर-रूस |
| आई- भारत |
| सी-चीन |
| एस-दक्षिण अफ्रीका |
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अन्य ब्रिक्स देशों के अपने समकक्षों जैसेकि, ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो अराज़ो, चीनी विदेश मंत्री वांग यी और दक्षिण अफ्रीका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री ग्रेस नलेडी पंडोर के साथ इस बैठक में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया.
उद्देश्य
कोविड -19 संकट, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर इसके प्रभाव और ब्रिक्स राष्ट्रों की प्रतिक्रिया के बारे में चर्चा करने के लिए ब्रिक्स विदेश मंत्रियों के इस वीडियो सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इन मंत्रियों ने रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता में होने वाले क्रियाकलापों पर भी चर्चा की.
मुख्य विशेषताएं
• ब्रिक्स राष्ट्रों ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) को 15 बिलियन डॉलर आवंटित करने पर अपनी सहमति व्यक्त की है ताकि इससे अर्थव्यवस्थाओं के पुनरुद्धार हेतु सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष ऋण साधन स्थापित हो सके और कोरोना वायरस महामारी का का मुकाबला करने के लिए होने वाले आपातकालीन खर्चों को पूरा करने में मदद कर सके.
• ब्रिक्स राष्ट्रों ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए अपने समूह के भीतर सहयोग बढ़ाने के तरीकों और कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए अधिकांश देशों में लगाए गए लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के कारण बुरी तरह प्रभावित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के बारे में भी चर्चा की.
• भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यही विकास का उपयुक्त मार्ग है.
• इस समूह ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रति अपने समर्थन को दोहराया, जिसमें कहा गया है कि यह (WHO) एक बहुत ही महत्वपूर्ण और अनूठा मंच है, जिसमें अमेरिका सहित दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर पाना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं.
• चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सभी ब्रिक्स राष्ट्रों को संयुक्त राष्ट्र के तहत निर्मित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के माध्यम से बहुपक्षवाद को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी सदस्य देशों का आह्वान किया.
ब्रिक्स बैठक में भारत
• भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स, जिसके तहत प्रभावशाली विकास, निवेश और व्यापार हिस्सेदारी के साथ वैश्विक आबादी का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, विशेष रूप से वर्तमान कोविड -19 प्रकोप के परिवेश में, वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अवसंरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
• कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए विदेश मंत्री ने आरोग्य सेतु नागरिक एप और गरीब और कमजोर वर्गों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आर्थिक पैकेज की शुरूआत सहित भारत द्वारा शीघ्र उठाए गए विभिन्न निर्णायक कदमों पर भी प्रकाश डाला.
• हमारे विदेश मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि WHO द्वारा कोरोना वायरस को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने से पहले ही भारत ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उपाय किए थे.
• इसके अलावा, भारत के विदेश मंत्री ने सार्क देशों द्वारा कोविड -19 आपात प्रतिक्रिया फंड के निर्माण सहित दक्षिण एशिया में कोविड -19 की रोकथाम करने के लिए सार्क देशों के समन्वित प्रयासों के बारे में ब्रिक्स देशों को जानकारी दी.
• दुनिया भर में जरूरतमंद देशों को प्रमुख दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करके भारत कोरोना वायरस का मुकाबला करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है. भारत कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए कई अफ्रीकी देशों सहित लगभग 85 देशों को उनके बचाव कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए अनुदान के आधार पर फार्मा सहायता प्रदान कर रहा है.
• इस महामारी के कारण लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष उत्पन्न महान जोखिम की चर्चा करते हुए, भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को मान्यता दी जानी चाहिए और ब्रिक्स देशों को इन प्रयासों का समर्थन करना चाहिए.
• एस जयशंकर ने आगे कहा कि वर्तमान चुनौतियां बहुपक्षीय प्रणालियों के सुधारों की आवश्यकता की तरफ़ हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं.
• भारत ने ब्रिक्स के वर्तमान विषय " वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवीन विकास के लिए ब्रिक्स भागीदारी" और रूस की अध्यक्षता 2020 के लिए भी अपने समर्थन की पुष्टि की.
पृष्ठभूमि
ब्रिक्स देशों द्वारा न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना सार्वजनिक या निजी परियोजनाओं को ऋण, गारंटी, इक्विटी भागीदारी और अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation