सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 11 जुलाई 2018 से देश में पहली बार इंटरनेट टेलीफोनी सेवा शुरू की है. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बीएसएनएल के कॉर्पोरेट कार्यालय में एक समारोह में यह सेवा लॉन्च की. इसे ‘विंग्स’ नाम दिया गया है.
बीएसएनएल कंपनी देश में यह सेवा देने वाली पहली कंपनी है. अन्य कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में आ रही हैं.
इंटरनेट टेलीफोनी सेवा के बारे में जानकारी
• बीएसएनएल के उपभोक्ता अपने स्मार्टफोन, टैबलेट या लैपटॉप पर ‘एसआईपी क्लाइंट’ नामक एप्प डाउनलोड कर अपने डिवाइस से इंटरनेट कॉलिंग कर सकेंगे.
• इस सेवा के इस्तेमाल के लिए किसी सिम कार्ड या मोबाइल नेटवर्क की जरूरत नहीं होगी.
• विश्व में जहाँ कहीं भी ग्राहक के डिवाइस में वाई-फाई या कोई अन्य इंटरनेट कनेक्शन है, वह इस एप्प के माध्यम से कॉलिंग कर सकेगा.
• यह एप्प वीडियो कॉलिंग और कांफ्रेंस कॉलिंग को भी सपोर्ट करता है.
• उपभोक्ता अपने डिवाइस में मौजूद संपर्क सूची का भी इस्तेमाल कर सकेगा.
• इंटरनेट टेलीफोनी नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क का इस्तेमाल करता है जो कॉलिंग और डाटा दोनों के लिए उपयोगी है.
• इससे ग्राहक अपने लैंडलाइन नंबर को भी ‘एसआईपी क्लाइंट’ ऐप से जोड़ सकता है.
• कॉलिंग के लिए इंटरनेट कनेक्शन बीएसएनएल का होना जरूरी नहीं है.
इंटरनेट टेलीफोनी का लाभ |
इंटरनेट टेलीफोनी एप्प ‘विंग्स’ को बीएसएनएल द्वारा जारी एक मोबाइल नंबर से जोड़ दिया जाएगा, लेकिन कंपनी के ‘विंग्स’ एप्प के उपभोक्ता के लिए उसे मोबाइल या लैंडलाइन का अलग से कनेक्शन नहीं लेना होगा. बीएसएनएल के मौजूदा लैंडलाइन ग्राहकों को एक अलग लाभ होगा. वे अपनी जगह पर निर्भर किए बिना एप्प पर इनकमिंग कॉल प्राप्त कर सकेंगे. इस नई सुविधा से कंपनी का राजस्व तथा बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. |
पृष्ठभूमि
दूरसंचार सेवा नियामक ट्राई ने 24 अक्टूबर 2017 को इंटरनेट टेलीफोनी की अनुमति देने की सिफारिश की थी. दूरसंचार मंत्रालय ने गत 19 जून को यह सेवा शुरू करने के लिए बीएसएनएल को स्वीकृति दी और एक महीने से भी कम समय में कंपनी ने इसे लॉन्च कर दिया.
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