बजट 2018-19: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन में 23 जनवरी 2018 को वित्त वर्ष 2018-19 का वार्षिक बजट पेश कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कुल 80,200 करोड़ का बजट पेश किया है. वित्त मंत्री के रूप में रघुवर दास का यह लगातार चौथा बजट है. यह झारखंड का अब तक का सबसे बड़ा बजट है.
यह बजट महिलाओं और युवाओं पर फोकस किया गया है. वहीं कौशल विकास, बिजली, पानी, सड़क पर जोर दिया गया है. गांवों में पार्क और जिलों में मेगा स्किल सेंटर खुलने की भी घोषणा की गई है.
बजट से संबंधित मुख्य तथ्य:
• वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजस्व व्यय के लिए 62,744.44 करोड़ रुपये और पूंजीगति व्यय के लिए 17,455.56 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है.
• बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 22,689.70 करोड़ रुपये, सामाजिक क्षेत्र के लिए 26,972.30 करोड़ रुपये और आर्थिक क्षेत्र के लिए 30,538 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है.
• राज्य को अपने कर राजस्व से लगभग 19,250 करोड़ रुपये और गैर-कर राजस्व से 9,030 करोड़ रुपये, केंद्रीय सहायता से लगभग 13,850 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में राज्य के हिस्सेदारी से 27,000 करोड़ रुपये तथा उधार एवं अग्रिम वसूली से करीब 70 करोड़ रुपये प्राप्त किये जा सकेंगे.
• ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज क्षेत्र में 11,771.16 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव है, जो चालू वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 12.39 फीसदी की दर से 1,297.46 करोड़ रुपये अधिक है.
• वित्त वर्ष 2018-19 में शिक्षा के क्षेत्र में 11,181.49 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पेश किया है, जो चालू वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में करीब 6.31 फीसदी की दर से 663.85 करोड़ रुपये अधिक है.
• वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि एवं जल संसाधन क्षेत्र में 6,421.64 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया है, जो चालू वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 14.86 फीसदी की दर से 830 करोड़ रुपये अधिक है.
• सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च करने के लिए 3,8265.07 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पेश किया है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में करीब 23.18 फीसदी की दर से 720.10 करोड़ रुपये अधिक है.
• वित्त वर्ष 2018-19 के लिए नगर विकास, पेयजल और स्वच्छता क्षेत्र में 5,357.70 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 17.70 फीसदी की दर से 805.88 करोड़ रुपये अधिक है.
बजट 2018-19 की प्रमुख घोषणाएं:
• सरकारी स्कूलों में पेयजल की सुविधा होगी.
• दो साल में तीन मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे.
• झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर की जायेगी.
• झारखंड में शहीद ग्राम योजना के जरिये विकास किया जायेगा.
• जोहार परियोजना से गांव का विकास किया जायेगा.
• सकल घरेलु उत्पाद में कृषि का योगदान 14 फीसदी किया जायेगा.
• शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और पेयजल पर जोर दिया गया.
• कृषि बजट के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया.
• एससी-एसटी के विकास के लिए अलग बजट.
• गांवों में पुल-पुलिया और सड़क बनाये जाएंगे.
• बायो गैस प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव.
• कुपोषण दूर करने के लिए 48000 पोषण गार्डन बनेंगे.
• 20 जिलों में महिला शक्ति केंद्र खुलेंगे.
• रामगढ़ और खूंटी में नवोदय विद्यालय खुलेंगे.
• 1200 किमी सड़क और 20 बड़े पुल बनेंगे.
• 27 नगर निकायों में दादा-दादी पार्क बनेंगे.
• मोरहाबादी मैदान, रांची में विकास एवं सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव है.
• धनबाद, देवघर, जमशेदपुर एवं राँची में इन्टर स्टेट बस टर्मिनल तथा ट्रान्सपोर्ट नगर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है.
• कौशल विकास यूनिवर्सिटी खोले जाने का प्रस्ताव है। जिसके माध्यम से तीन लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है.
पृष्ठभूमि:
यह दूसरा मौका है जब राज्य सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए जनवरी में बजट प्रस्तुत की हो. गौरतलब है कि पिछले साल भी सरकार ने 23 जनवरी को अपना वार्षिक बजट पेश किया था. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 75,673 करोड़ का मूल बजट था. जिसमे प्रमुख आवंटन शिक्षा और ग्रामीण विकास के ऊपर रखा गया था. स्कूली शिक्षा और साक्षरता के लिए 10517.24 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था. वहीं, ग्रामीण विकास मद में 10473.70 कोर्ड रूपये का प्रावधान किया गया था.
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