केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सेवाओं में चैम्पियन क्षेत्रों के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी

Mar 1, 2018, 11:32 IST

इस पहल से केन्द्रित और निगरानी की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए भारत के सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ेगी, जिससे जीडीपी दर बढ़ेगी, अधिक नौकरियां सृजित होंगी.

Cabinet approves Action Plan for Champion Sectors in Services
Cabinet approves Action Plan for Champion Sectors in Services

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्‍य को समझने के उद्देश्‍य से 12 निर्धारित चैम्पियन सेवा क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्‍यान देने के लिए वाणिज्‍य विभाग के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है. इनमें सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटी और आईटीईएस), पर्यटन और आतिथ्‍य सेवाएं, चिकित्‍सा मूल्‍यांकन भ्रमण, परिवहन और लॉजिस्टिक सेवाएं, लेखा और वित्‍त सेवाएं, दृश्‍य श्रव्‍य सेवाएं, कानूनी सेवाएं, संचार सेवाएं, निर्माण और उससे संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं, पर्यावरण सेवाएं, वित्‍तीय सेवाएं और शिक्षा सेवाएं शामिल हैं.
 
मंत्रिमंडल ने इन क्षेत्रों से संबद्ध मंत्रालयों/विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि निर्धारित चैम्पियन सेवा क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने और उनके कार्यान्‍वयन के लिए उपलब्‍ध क्षेत्रीय मसौदा योजनाओं का इस्‍तेमाल करें. संबद्ध मंत्रालयों/विभागों को कार्य योजना को अंतिम रूप देना होगा और मंत्रिमंडल सचिव के अंतर्गत सचिवों की समिति की सम्‍पूर्ण देखरेख में कार्यान्‍वयन की निगरानी के लिए एक निगरानी तंत्र के साथ कार्यान्‍वयन क्रम विकास होगा. चैम्पियन क्षेत्रों की क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की पहलों को सहायता देने के लिए 5000 करोड़ रुपये का एक समर्पित कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है.

प्रभाव:  
इस पहल से केन्द्रित और निगरानी की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए भारत के सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ेगी, जिससे जीडीपी दर बढ़ेगी, अधिक नौकरियां सृजित होगी और वैश्विक बाजारों के लिए निर्यात बढ़ेगा.
 
रोजगार सृजन की संभावना:
भारत के सेवा क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावना है. इस प्रस्‍ताव से केन्द्रित और निगरानी की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए भारत के सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ेगी,जिससे जीडीपी दर बढ़ेगी, अधिक नौकरियां सृजित होगी और वैश्विक बाजारों के लिए निर्यात बढ़ेगा.

वित्‍तीय सम्‍बन्‍ध:

आवश्‍यक बुनियादी ढांचे के सृजन, वित्‍तीय प्रोत्‍साहनों आदि जैसे तत्‍वों से जुड़े विभिन्‍न क्षेत्रीय कार्य योजनाओं के कुछ भाग, जिन्‍हें तैयार किया जाना है, उनका वित्‍तीय सम्‍बन्‍ध हो सकता है. इन विवरणों को संबद्ध विभागों द्वारा तैयार कार्य योजनाओं के अंतर्गत विस्‍तार से तैयार किया जाएगा और उचित मंजूरी के साथ अंतिम रूप दिया जाएगा. चैम्पियन क्षेत्रों की क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की पहलों को सहायता देने के लिए 5000 करोड़ रुपये का एक समर्पित कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है.

 

 

लाभ:
चूंकि सेवा क्षेत्र भारत के जीडीपी, निर्यात और रोजगार सृजन, बड़ी हुई उत्‍पादकता में महत्‍वपूर्ण योगदान देते हैं. चैम्पियन सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता से भारत से विभिन्‍न सेवाओं का निर्यात बढ़ेगा. सन्निहित सेवाएं वस्‍तुओं का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा हैं. अत: प्रतिस्‍पर्धात्‍मक सेवा क्षेत्र निर्माण क्षेत्र की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता से जुड़ जाएगा.

वर्ष 2022 में भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा. संबद्ध मंत्रालयों/विभागों द्वारा तैयार और कार्यान्‍वित कार्य योजनाओं से वर्ष 2022 में इन निर्धारित चैम्पियन क्षेत्रों में से प्रत्‍येक के लिए एक संकल्‍पना विकसित हो सकेगी और इस संकल्‍पना को हासिल करने के लिए उपयुक्‍त कदम उठाने की आवश्‍कता है.

भारत के सेवा क्षेत्र की हिस्‍सेदारी वैश्विक सेवाओं के निर्यात में 2015 में 3.3 प्रतिशत थी, जबकि 2014 में यह 3.1 प्रतिशत थी. इस पहल के आधार पर 2022 के लिए 4.2 प्रतिशत का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है.

सकल योगित मूल्‍य (जीवीए) में सेवाओं की हिस्‍सेदारी 2015-16 (निर्माण सेवाओं सहित 61 प्रतिशत) में भारत के लिए करीब 53 प्रतिशत थी. जीवीए में सेवाओं की हिस्‍सेदारी 60 प्रतिशत (निर्माण सेवाओं सहित 67 प्रतिशत) हासिल करने का लक्ष्‍य वर्ष 2022 के लिए रखा गया है.

पृष्‍ठभूमि:

सचिवों के समूह ने प्रधानमंत्री को भेजी गई अपनी सिफारिशों में 10 चैम्पियन क्षेत्र निर्धारित किए. इनमें सात निर्माण संबंधी क्षेत्र और तीन सेवा क्षेत्र हैं. चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्‍य को हासिल करने के लिए यह फैसला किया गया कि ‘मेक इन इंडिया’ का प्रमुख विभाग –औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) निर्माण में चैम्यिन क्षेत्रों की पहल में प्रमुख भूमिका निभाएगा और वाणिज्‍य विभाग सेवाओं में चैम्पियन क्षेत्रों के लिए प्रस्‍तावित पहल के साथ समन्‍वय कायम करेगा. इसके बाद वाणिज्‍य विभाग साझेदारों के साथ विस्‍तृत विचार-विमर्श के साथ अनेक सेवा क्षेत्रों के लिए आरंभिक क्षेत्रीय सुधार योजनाओं का मसौदा तैयार करने और इसके बाद कार्य योजना तैयार करने के लिए सहयोग करेगा.

(स्रोत: पीआईबी)

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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