केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉरीशस के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग एंव भागीदारी समझौता (सीईसीपीए) किये जाने के प्रस्ताव को 17 फरवरी 2021 को मंजूरी दी. इसके तहत कृषि, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक्स एवं अन्य क्षेत्रों के 300 से अधिक घरलेू उत्पादों को मॉरिशस के बाजार में रियायती सीमा शुल्क पर प्रवेश मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को भारत-मॉरीशस सीईसीपीए के प्रसताव को मंजूर किए जाने की जानकारी दी.
भारत का यह पहला समझौता
सरकार के एक बयान के मुताबिक यह अफ्रीकी क्षेत्र के किसी देश के साथ भारत का यह पहला समझौता है. इसके दायरे में वस्तु और सेवाओं का व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी) के समाधान, स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में परस्पर सहयोग जैसे विषय आयेंगे. इसमें कहा गया है कि सीईसीपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा बेहतर बनाने हेतु एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है.
310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया
भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है. इसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 श्रृंखला), कृषि उत्पाद (25 श्रृंखला), वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (27 श्रृंखला), आधार धातु और इनसे बने उत्पाद (32 श्रृंखला), बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (13 श्रृंखला), प्लास्टिक और रसायन (20 श्रृंखला), लकड़ी तथा लकड़ी से बने सामान (15 श्रृंखला) और अन्य शामिल हैं.
भारतीय बाजार में पहुंच से लाभ
मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों के लिए प्राथमिकता की आधार पर भारतीय बाजार में पहुंच से लाभ मिलेगा. इनमें फ्रोजेन फिश, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं.
सेवा-व्यापार के संबंध में
बयान में कहा गया है कि सेवा-व्यापार के संबंध में, भारतीय सेवा प्रदाताओं को 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे पेशेवर सेवाओं, कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, अनुसंधान और विकास अन्य व्यावसायिक सेवाएँ, दूरसंचार, निर्माण, वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय, पर्यटन एवं यात्रा संबंधी, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ आदि के तहत से लगभग 115 उप-क्षेत्रों तक पहुंच प्राप्त होगी.
95 उप-क्षेत्रों की पेशकश
भारत ने इसके अतिरिक्त भारत ने 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के अंतर्गत लगभग 95 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है. इसमें कहा गया है कि इस समझौते पर दोनों देशों की ओर से पारस्परिक सुविधा के आधार पर तय तारीख पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. हस्ताक्षर के बाद उसके अगले महीने की पहली तारीख से समझौते के प्रावधान लागू होंगे.
विशेष आर्थिक पैकेज
गौरतलब है कि भारत, 2005 के बाद से, मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है और वहां माल और सेवाओं के सबसे बड़े निर्यातकों में प्रमुख रहा है. भारत ने साल 2016 में मॉरीशस को 35.3 करोड़ डॉलर का 'विशेष आर्थिक पैकेज' दिया था.
नयी इमारत परियोजना
सुप्रीम कोर्ट की नयी इमारत परियोजना इस पैकेज के तहत लागू होने वाली पांच परियोजनाओं में से एक है. इसका उद्घाटन जुलाई 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था.
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