केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और जापान के मध्य वैश्विक एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) बाजार स्थापति करने को मंजूरी प्रदान कर दी है. भारत और जापान के बीच तरल, लचीला और वैश्विक एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) बाजार स्थापित करने के सम्बन्ध में सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए जाने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्णय किया.
प्रथम बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास सत्र का शुभारम्भ
एमओसी से लाभ-
- इस एमओसी से भारत और जापान के मध्य ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.
- इससे भारत को गैस आपूर्ति के विविध स्रोतों में योगदान मिलेगा.
- इससे हमारी ऊर्जा सुरक्षा सुदृढ़ होगी और उपभोक्ताओं हेतु कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्यों का मार्ग प्रशस्त होगा.
- एमओसी से एलएनजी संविदाओं, गंतव्य प्रतिबंध खण्ड की समाप्ति में सहयोग की सुविधा के साथ-साथ विश्वसनीय एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) स्पॉट मूल्य सूचकांक की स्थापना की संभावनाओं का पता किया जा सकेगा, जिसमें एलएनजी मांग और आपूर्ति की स्थिति परिलक्षित हो सकेगी.
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पृष्ठभूमि-
- भारत और जापान विश्व भर में ऊर्जा की खपत करने वाले प्रमुख देश हैं. एलएनजी क्षेत्र में जापान विश्व में सबसे बड़ा आयातकर्ता देश है और आयातकर्ता देशों में भारत का स्थान चौथा है.
- जनवरी 2016 में हस्ताक्षरित जापान-भारत ऊर्जा भागीदारी पहल के तहत दोनों पक्ष सुचारू रूप से कार्य करने वाले ऊर्जा बाजार को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए संकल्प किया था.
- गंतव्य प्रतिबंध खण्ड में छूट को समाप्त करने तथा एक पारदर्शी एवं विविधिकृत, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी), बाजार के संवर्द्धन की पुष्टि की.
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