केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 04 जुलाई 2018 को 2018-19 के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है.
खरीफ फसलों पर एमएसपी बढ़ाने का फैसला सरकार की बजट की घोषणा के अनुरूप है. केंद्र सरकार ने बजट में किसानों को उनकी फसलों का भाव उत्पादन लागत का डेढ़ गुना करने की घोषणा की थी.
मुख्य तथ्य:
- वर्ष 2018-19 के लिए धान के लिए एमएसपी 200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बढ़ा दिया गया है. वर्ष 2017-18 के लिए धान के लिए एमएसपी 1550 रुपये प्रति क्विंटल था.
- वहीं, केन्द्रीय कैबिनेट ने उड़द का एमएसपी 5400 रुपये से बढ़ाकर 5600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 33,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
- 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अधिकतम वृद्धि रागी में हुई है. इसका एमएसपी 1900 रुपये बढ़ाकर 2,897 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा.
- मक्के के समर्थन मूल्य को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये किया गया.
- मूंग की एमएसपी को 5575 रुपये से बढ़ाकर 6975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया.
- उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये किया गया.
- बाजरे की एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया गया.
- कपास (मध्यम रेशा) के लिए किसानों को अभी तक 4,020 रुपये प्रति 100 किलोग्राम मिल रहा था अब इसे बढ़ाकर 5,150 रुपये किया गया है. लंबे रेशे वाले कपास का मूल्य 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 किया गया है.
पृष्ठभूमि:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजार में दाम गिरने की स्थिति में किसानों को उनकी उपज के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित नई खरीद प्रणाली के वित्तीय प्रभावों को लेकर विचार-विमर्श किया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर नीति आयोग एक बेहतर प्रणाली स्थापित करेगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूरा लाभ मिले.
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