केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 02 जून 2021 को मॉडल टेनेंसी एक्ट (एमटीए) पर मुहर लगा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 02 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘मॉडल किरायेदारी अधिनियम’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस कदम से देश भर में आवासीय किराया संबंधी कानूनी ढांचे को व्यवस्थित करने में सहायता मिलेगी.
मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा. इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में उपयुक्त संशोधन करके लागू किया जा सकता है. सरकार का कहना है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम अग्रगामी प्रभाव से लागू होगा और वर्तमान किरायेदारी व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगा. किराया और अवधि का निर्धारण मालिक व किरायेदार की आपसी सहमति से होगा.
इस अधिनियम से जुड़ी प्रमुख बातें
• इस कानून के तहत सभी नए किरायेदारों के साथ लिखित समझौता करना होगा और उसे संबंधित जिले के किराया प्राधिकार के पास जमा कराना होगा.
• किराया और उसकी अवधि मालिक व किरायेदार की आपसी सहमति से लिखित रूप में तय होगी. सरकार ने कहा कि माडल टेनेंसी एक्ट को संभावनाओं के साथ लागू किया जाएगा और इससे मौजूदा किरायेदारी प्रभावित नहीं होगी.
• इस अधिनियम के तहत आवासीय परिसरों के लिए किरायेदारों को अधिकतम दो महीने के किराये के रूप में सुरक्षा जमा राशि देनी होगी. वाणिज्यिक संपत्ति के मामले में छह महीने का किराया जमा करना होगा.
• अनुबंध की अवधि में किरायेदार को निकाला भी नहीं जा सकता, जब तक दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता न हो जाए.
• अगर मकान मालिक उस घर में कुछ अतिरिक्त काम करवाना चाहता है और किरायेदार को वह मंजूर नहीं है तो मकान मालिक रेंट कोर्ट में मामले को रख सकता है.
• सरकार का कहना है कि इससे देशभर में किराये पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा.
• मॉडल टेनेंसी एक्ट के तहत अगर समझौते में सहमति नहीं बनी हो तो संपत्ति की मरम्मत, दीवारों और खिड़की का रंग-रोगन, आवश्यकता के अनुरूप जलापूíत पाइपलाइन को बदलने तथा बाहरी व भीतरी इलेक्ट्रिक वायरिंग के रख-रखाव जैसे जरूरी काम को कराने की जिम्मेदारी मालिक की होगी. अगर कोई टूट-फूट किरायेदार से हुई हो तो उसे वही दुरुस्त करवाएगा.
• नये कानून के अस्तित्व में आने पर संपत्ति पर कब्जा करने जैसे मामलों में कमी आने की भी संभावना है. इससे मकान मालिक भी अपनी संपत्ति को लेकर सुरक्षित रहेंगे.
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