केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, देश में कहीं भी उत्पाद बेच सकेंगे किसान

Jun 5, 2020, 17:30 IST

किसानों की उपज को अच्छा मूल्य उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने को एक केंद्रीय कानून तैयार किया जाएगा. इससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग की रूपरेखा तैयार की जा सकेगी.

Cabinet approves ordinance for One India One Agriculture Market in Hindi
Cabinet approves ordinance for One India One Agriculture Market in Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट की 03 जून 2020 को हुई बैठक में कई फैसलों को मंजूरी दी गई. आवश्यक वस्तु अधिनियम और मंडी कानून में संशोधन किया गया है और कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा खत्म कर दी गई है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार ने किसानों के हित में फैसले लिए.

केंद्र सरकार कृषि उत्पादन ट्रेड और कामर्स (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी जो 'वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट' बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इसके तहत अब पूरे देश में किसानों के लिए वन नेशन वन मार्केट होगा. यानी किसान अपनी पैदावार कहीं भी बेच सकेंगे. कैबिनेट की मुहर के बाद अब आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी.

केंद्रीय कानून तैयार किया जायेगा

किसानों की उपज को अच्छा मूल्य उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने को एक केंद्रीय कानून तैयार किया जाएगा. इससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग की रूपरेखा तैयार की जा सकेगी. ऐसा हो जाने के बाद किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकेंगे.

बता दें कि आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम को 1955 में बनाया गया था. हालांकि किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्‍य दिलाने की जरूरत के लिहाज से इसमें बदलाव किया जाएगा. इससे कृषि सेक्‍टर को ज्‍यादा प्रतिस्‍पर्धी बनाने में मदद मिलेगी.

किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकेगें

आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से खाद्यान्न, तिलहन और दलहन फसलों के साथ प्याज और आलू जैसी प्रमुख फसलों को बाहर कर दिया गया है. केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान अपनी उपज को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे. उनके ऊपर राज्यों के उलझे हुए मंडी कानून लागू नहीं होंगे. उन्हें अंतरराज्यीय व्यापार करने की अनुमति मिल जाएगी. इसे 'मूल्य आश्वासन व कृषि सेवाओं के करारों के लिए किसानों का सशक्तीकरण और संरक्षण अध्यादेश-2020' के नाम से जाना जाएगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित संशोधनों के बाद किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की छूट मिल जाएगी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत लाभकारी साबित होगा. कृषि अर्थव्यवस्था में जरूरी सुधारों की सख्त जरूरत को सरकार ने समझा और इसे पूरा किया. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में फिलहाल कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत तक है, जबकि इस पर देश की 53 प्रतिशत आबादी निर्भर है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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