केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और बेलारूस के मध्य निवेश संबंधी द्विपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर एवं पुष्टि को मंजूरी प्रदान कर दी. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.
निवेश संबंधी द्विपक्षीय संधि के फलस्वरूप दोनों देशों भारत और बेलारूस के मध्य निवेश के प्रवाह में वृद्धि होने की संभावना है. इस समझौता से निवेशकों के विश्वास में सुधार भी होने की संभावना है, जिसके फलस्वरूप एफडीआई और ओवरसीज प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी और रोजगार सृजन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
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प्रमुख तथ्य-
- दोनों देशों भारत और बेलारूस के मध्य बीआईटी पर हस्ताक्षर और पुष्टि एक नीतिगत पहल का काम करेगा.
- बेलारूस यूरेशियन आर्थिक यूनियन (ईएईयू) का सदस्य है.
- भारत पहले ही किरगिज गणतंत्र के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि के मसौदे की पहल कर चुका है और मॉडल बीआईटी मसौदे के आधार पर एक नई द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए रूसी फेडरेशन के साथ वार्तारत है.
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अन्य समझौता-
इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने तेल और गैस क्षेत्र में भारत और बेलारूस के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी है. बेलारूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान 12 सितंबर, 2017 को इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह एमओयू इस हस्ताक्षर की तिथि से तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा.
इस एमओयू से भारत और बेलारूस के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा, तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग बढ़ेंगे.
इस एमओयू के तहत दोनों देश भारत और बेलारूस आरोही और अवरोही क्षेत्रों, क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संवर्धित तेल शोधन और भारत में परिपक्व तेल क्षेत्रों के विकास के लिए सहयोग की दिशा में काम करेंगे.
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