केंद्रीय कैबिनेट ने 30 जून 2021 को भारतनेट प्रोजेक्ट को अपनी मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 जून को देश के 16 राज्यों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP Model) के माध्यम से भारतनेट की संशोधित कार्यान्वयन रणनीति को मंजूरी दी.
इस योजना के तहत भारतनेट के ज़रिये अब इन 16 राज्यों के सभी गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क की सुविधा पहुंचाई जाएगी. योजना के लिए अनुमानित 19,041 करोड़ की व्यहार्यता अंतर वित्तपोषण (viability gap funding) को मंज़ूरी दी गयी है.
योजना के तहत चुने हुए 16 राज्य
इस योजना के तहत चुने हुए 16 राज्य-केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश हैं. योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों सहित लगभग 3.61 लाख गांवों को कवर किया जाएगा.
भारतनेट के विस्तार को मंजूरी
इसके साथ ही, कैबिनेट ने शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी बसे हुए गांवों तक भारतनेट के विस्तार को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्फॉर्मेशन हाईवे हर गांव तक पहुंचे इस दिशा में सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को देश के छह लाख गांवों को एक हजार दिन के भीतर ब्रांडबैंड सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद ही योजना में निजी क्षेत्र की कंपनियों को शामिल करने का फैसला लिया गया.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब तक ढाई लाख ग्राम पंचायतों में से 1.56 लाख को ब्रांडबैंड सेवाओं से जोड़ा जा चुका है. उन्होंने कहा कि पीपीपी के जरिये परियोजना को बढ़ाने का काम देश के 16 राज्यों के 3.61 गांवों में किया जायेगा.
30 साल का समझौता
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निजी क्षेत्र के उद्यमियों के साथ 30 साल का समझौता किया जायेगा और समूची परियोजना को नौ अलग अलग पैकेजों में बांटा जायेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी एक कंपनी को चार पैकेज से अधिक नहीं दिये जायेंगे.
भारत नेट परियोजना: एक नजर में
भारत नेट परियोजना का मुख्य उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से भारतीय गाँवों को उच्च गति ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ना है. भारतनेट परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड संपर्क परियोजना है.
इस परियोजना को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है अतः देश में ही रोज़गार के नए अवसर विकसित होंगे. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संचरण सुविधा बिना किसी नेटवर्क बाँधा के उपलब्ध कराई जा रही है.
परियोजना में राज्य और निजी क्षेत्रों के साथ साझेदारी करके अब ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में लोगों को सस्ती ब्रॉडबैंड सेवाएँ प्राप्त हो सकेगी. प्रथम चरण में, अंडरग्राउंड ऑप्टिक फाइबर केबल लाइनों के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को एक लाख ग्राम पंचायतों तक उपलब्ध कराया गया है. इस चरण को दिसंबर 2017 तक पूरा कर लिया गया है.
चरण-2 के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिये, बिजली के खंभों पर ऑप्टिक फाइबर केबल को भी लगाया गया है. इस परियोजना का तीसरा चरण वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक पूर्ण होना है.
इस चरण में अत्याधुनिक, फ्यूचर प्रूफ नेटवर्क, ज़िलों एवं ब्लॉकस के बीच फाइबर समेत, अवरोध को समाप्त करने के लिये नेटवर्क को रिंग टोपोलॉजी के आधार पर स्थापित किया जाना है.
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