केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस 08 जुलाई, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक नई पैन इंडिया सेंट्रल सेक्टर स्कीम को मंजूरी दी है. इस नई पैन इंडिया सेंट्रल सेक्टर स्कीम को ‘कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ के नाम से जाना जाएगा.
यह योजना ‘कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्म-निर्भर भारत पैकेज के एक हिस्से के तौर पर की थी. इस योजना के तहत, देश में विभिन्न कृषि क्षेत्रों जैसेकि, किसान उत्पादक संगठन (FPOs), स्टार्टअप, प्राथमिक कृषि साख समितियां, कृषि-उद्यमी आदि को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण के तौर पर 01 लाख करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी.
कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड
• इस योजना की अवधि 10 वर्ष - वित्त वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक है.
• प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) प्लेटफोम्र का इस्तेमाल कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की निगरानी और प्रबंधन के लिए किया जायेगा.
• इस योजना के तहत 01 लाख करोड़ रूपये तक के ऋण मंजूर और वितरित किये जायेंगे. कुल ऋणों में से मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में 10 हजार करोड़ रूपये के ऋण और आगामी 3 वित्त वर्षों में प्रत्येक वर्ष के लिए 30 हजार करोड़ रुपये मंजूर किये जायेंगे.
• इस योजना के तहत जारी ऋणों के लिए ब्याज रियायती दर पर लिया जाएगा. यह ब्याज दर 3% प्रतिवर्ष होगी. 02 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए यह 3% की ब्याज दर लागू होगी.
• ऋण की अदायगी के लिए अधिस्थगन की अवधि न्यूनतम 6 महीने से लेकर अधिकतम 2 साल तक होगी.
• माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) पात्र उधारकर्ताओं को क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा. यह क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए प्रदान किया जाएगा.
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