रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की गई

Dec 7, 2018, 09:40 IST

पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

Cabinet nods implementation of Shahpurkandi Dam project
Cabinet nods implementation of Shahpurkandi Dam project

केंद्र सरकार ने 06 दिसंबर 2018 को पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि पंजाब सरकार और केंद्र इस परियोजना को 2022 तक पूरी कर लेगी जिसके लिए 485.38 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी जाएगी. यह राशि 2018-19 से लेकर 2022-23 के बीच सिंचाई के लिए खर्च की जाएगी बताया जा रहा है कि यह परियोजना पंजाब के विभिन्न स्थानों के लिए कई मायनों में लाभदायक होगी.

शाहपुरकंडी बांध परियोजना के प्रमुख तथ्य

  • शाहपुरकंडी बांध बनने के बाद पंजाब में 5,000 हेक्टेयर तथा जम्मू कश्मीर में 32,173 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी.
  • केंद्रीय जल आयोग के सदस्य की अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा परियोजना की निगरानी की जाएगी.
  • बांध परियोजना के लिए केंद्र सरकार से दी जाने वाली राशि नाबार्ड के जरिए खर्च की जाएगी.
  • शाहपुरकंडी डैम परियोजना के कार्य घटक की शेष लागत 1973.53 करोड़ रुपये (सिंचाई घटक: 564.63 करोड़ रुपये, ऊर्जा घटक: 1408.90 करोड़ रुपये) है. इसमें 485.38 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता के रूप में उपलब्‍ध कराई जाएगी.

शाहपुरकंडी बांध परियोजना के लाभ

  • रावी नदी के पानी की कुछ मात्रा वर्तमान में माधोपुर हेडवर्क्‍स होकर पाकिस्‍तान चली जाती है, जबकि पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर में जल की आवश्‍यकता है.
  • परियोजना को लागू करने से पानी की बर्बादी में कमी लाने में मदद मिलेगी.
  • इसके अतिरिक्‍त इस परियोजना से पंजाब में यूबीडीसी प्रणाली के अंतर्गत 1.18 लाख हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा को सुव्‍यवस्थित करने मेंमदद मिलेगी.
  • परियोजना के पूरा होने के पश्‍चात पंजाब 206 मेगावाट जलविद्युत पैदा करने में सक्षम होगा.
  • परियोजना के कार्यान्‍वयन से अकुशल श्रमिकों के लिए 6.2 लाख कार्यदिवसों, अर्द्धकुशल श्रमिकों के लिए 6.2 लाख कार्यदिवसों तथा कुशल श्रमिकों के लिए 1.67 लाख कार्यदिवसों के रोजगार का सृजन होगा.
  • रावी नदी से पाकिस्तान जाने वाले पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा.

पृष्‍ठभूमि

सिंधु नदी के जल बंटवारे के लिए 1960 में भारत और पाकिस्‍तान ने सिंधु जल सन्धि पर हस्‍ताक्षर किए थे. इस संधि के तहत भारत को 3 पूर्वी नदियों रावी, ब्‍यास और सतलुज के जल के उपयोग का पूर्ण अधिकार प्राप्‍त हुआ था. पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर के बीच 1979 में एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर हुए थे. समझौते के तहत पंजाब सरकार द्वारा रंजीत सागर डैम (थीन डैम) और शाहपुरकंडी डैम का निर्माण किया जाना था. रंजीत सागर डैम का निर्माण कार्य अगस्‍त, 2000 में पूरा हुआ था. शाहपुरकंडी डैम परियोजना राबी नदी पर रंजीत सागर डैम से 11 किमी डी/एस तथा माधोपुर हेडवर्क्‍स से 8 किमी यू/एस पर स्थित है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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