साइबर अपराध जांच और साइबर फोरेंसिक पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन 4-5 सितंबर 2019 को नई दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मुख्यालय में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन का उद्घाटन सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने किया.
सीबीआई की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में अंतर-राज्यीय अपराधों एवं अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले मामलों की जांच से संबंधित एजेंसी की जिम्मेदारी पर चर्चा हुई. सम्मलेन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस, कई केंद्रीय एजेंसियों, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, डिजिटल प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ ओर शिक्षाविदों समेत लगभग 50 लोग हिस्सा लिये थे.
मुख्य बिंदु:
• इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ऐसा मंच बनाना है जहां जांचकर्ताओं, वकीलों, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को साथ लाकर साइबर अपराध से संबंधित चुनौतियों और इसके समाधान के तरीकों पर चर्चा करना था.
• यह सम्मेलन राज्य पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली को साझा करने का एक मंच है.
• साइबर अपराध एक वैश्विक घटनाक्रम है और यह सम्मेलन एजेंसियों के जमीनी स्तर पर काम करने हेतु एक श्रेष्ठ अनुभव होता है.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि साइबर अपराध का अध्ययन भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बड़ी आबादी वाला देश है तथा यहां विश्व में दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता हैं.
विश्वभर में फिलहाल साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और जमीनी स्तर पर कार्यरत एजेंसियों हेतु अनुभव बढ़ाने में यह सम्मेलन मददगार साबित होगा.
साइबर अपराध क्या है?
साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर एवं नेटवर्क शामिल है. किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है. साइबर अपराध कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर समय नजर रखना साइबर अपराध है.
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