केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लयूडी) पूर्ण रूपेण डिजिटल हो गया है. सीपीडब्लयूडी में 20,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए देशभर के सीपीडब्लयूडी के सभी 400 क्षेत्रीय कार्यालयों की नेटवर्किंग कर उनके लिए इस महीने से विशेष एकीकृत पोर्टल के जरिए डिजीटल भुगतान सुनिश्चित किया गया.
सीपीडब्लयूडी क्षेत्रीय स्तर पर डिजीटल होने वाला पहला संगठन बन गया है. इससे 25,000 परियोजनाओं में से प्रत्येक के खर्च की वास्तविक समय में निगरानी की जा सकेगी. विभाग में जल्द ही जियो-टैगिंग भी आरम्भ की जाएगी.
इलेक्ट्रोनिक मापन बुक -
एक अन्य पहल में सीपीडब्लयूडी के लिए इलेक्ट्रोनिक मापन बुक (ई-एमबी) भी तैयार की गई, जिससे ठेकेदारों के साथ हुए समझौते की अवधि के अनुसार कार्य की प्रगति के बारे में ऑनलाइन जानकारी दी जा सकेगी.
ई-एमबी के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा. अगले महीने की पहली तारीख से ई-एमबी को अनिवार्य कर दिया जाएगा. जिससे सभी 400 क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा लिखकर रिपोर्ट देना बंद हो जाएगा.
सीपीडब्लयूडी के बारे में-
- सीपीडब्लयूडी देशभर में 25,000 से अधिक परियोजना पर कार्य करता है.
- जिसके लिए दूरदराज, पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों सहित इसके 400 क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष 20,000 करोड रूपये से भी ज्यादा भुगतान किया जाता है.
- नए डिजीटल भुगतान तरीके से छह लाख से अधिक लेनदेन किया गया.
आवास और शहरी मामले मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक (सीसीए) कार्यालय ने सीपीडब्लयूडी के प्रयोग हेतु यह विशेष लोक वित्तीय प्रबंधन (पीएफएमएस) पोर्टल तैयार किया. आवास और शहरी मामले मंत्रालय का डिजीटल भुगतान 60,000 करोड़ रूपये तक हो गया है.
पीएफएमएस के बारे में-
- पीएफएमएस इलेक्ट्रोनिक भुगतान प्रक्रिया, निधि के प्रवाह पर नजर रखने, निगरानी, लेखा, सुलह और रिपोर्टिंग आदि के लिए एक उपाय है.
- आवास और शहरी मामले मंत्रालय ने अक्टूबर 2015 से पीएफएमएस को अपनाया, इसके माध्यम से 34,000 करोड़ रूपये के आवंटन इलेक्ट्रोनिक तरीके से हस्तांतरित किए गए.
- अब सीपीडब्लयूडी के डिजीटल होने से मंत्रालय और सीपीडब्लयूडी का ई-भुगतान 2017-18 में लगभग 60,000 करोड़ रूपये होगा.
- सीपीडब्लयूडी में कार्य सौंपने और वित्तीय शक्तियों के लिए एक अलग योजना है इसलिए ऑनलाइन लेनदेन के लिए एक विशेष पीएफएमएस ई-मॉडयूल की आवश्यकता है.
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