प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को यह घोषणा की है कि, केंद्र प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता को दोहराने के लिए प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन शुरू करने की योजना बना रहा है.
केंद्र सरकार द्वारा इन प्रजातियों की जैव विविधता संरक्षण के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस 2020 के भाषण में इन परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी.
यह भी बताया गया कि, यह प्रोजेक्ट दोनों किस्म की डॉलफिन अर्थात समुद्री डॉल्फिन और नदी की डॉल्फ़िन पर ध्यान केंद्रित करेगा. इससे जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. यह प्रोजेक्ट पर्यटन के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने शेर और डॉल्फिन के लिए परियोजनायें शुरू करने की घोषणा की
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और यह बताया कि, भारत उन कुछ देशों में से एक है जहां वन क्षेत्र का विस्तार हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि, प्रोजेक्ट लायन और प्रोजेक्ट डॉल्फिन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया है. भारत में बाघों की आबादी में वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट लायन के तहत, भारतीय शेरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए काम किया जाएगा.
एशियाई शेर और गांगेय डॉल्फ़िन के बारे में
एशियाई शेर गिर के राष्ट्रीय उद्यान और गुजरात के सौराष्ट्र के आसपास के क्षेत्र तक सीमित हैं.
जून, 2020 में गुजरात वन विभाग ने इनकी जनसंख्या को वर्ष 2015 में 29% अर्थात 523 से बढ़ाकर वर्ष 2020 तक 674 करने का सुझाव दिया था. विभाग ने यह भी बताया है कि सौराष्ट्र में शेरों के रहने के क्षेत्र में 36% की वृद्धि हुई है. वर्ष 2015 में यह क्षेत्र 22,000 वर्ग किमी था जो अब 30,000 वर्ग किमी हो गया है. विशेषज्ञ एशियाई शेरों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए गुजरात के बाहर की विभिन्न प्रजातियों को भी प्रजनन के लिए बुला रहे हैं.
गांगेय डॉल्फिन उन संकेतक प्रजातियों में से एक है जिनकी स्थिति पारिस्थितिकी तंत्र की समग्र स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करती है. वे गंगा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उस पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रजातियों की स्थिति की भी जानकारी प्रदान करते हैं क्योंकि वे पानी की गुणवत्ता और प्रवाह में परिवर्तन के लिए बेहद संवेदनशील हैं.
गांगेय डॉल्फिन को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की संकटग्रस्त प्रजातियों से संबंधित लाल सूची में भी शामिल किया गया है.
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