केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंकों पर सरकार संबंधी बैंक लेनदेन (टैक्स व अन्य राजस्व भुगतान सुविधा, पेंशन भुगतान और लघु बचत) पर लगाया गया आधिकारिक प्रतिबंध हटा दिया है. यह जानकारी वित्त सेवाओं के विभाग ने 24 फरवरी 2021 को दी. पूर्व में इन सेवाओं के लिए कुछ गिने-चुने निजी क्षेत्र के बैंकों को ही अनुमति थी.
केंद्र सरकार के इस निर्णय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी अवगत करा दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएँ और सुविधाएं मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार के सामाजिक और वित्तीय समावेश योजनाओं में निजी बैंक भी भागीदार होंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ट्वीट
इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि निजी बैंक अब सरकारी बैंकों के साथ बनेंगे देश के विकास में बराबर के साथी. निजी बैंकों के ऊपर सरकारी व्यवसाय पर लगी रोक हटी. उपभोक्ताओं को मिलेगी बेहतर सेवाएँ व सुविधाएं. सरकार के सामाजिक और वित्तीय समावेश योजनाओं में निजी बैंक भी होंगे भागीदार.
निजी बैंक अब सरकारी बैंकों के साथ बनेंगे देश के विकास में बराबर के साथी। निजी बैंकों के ऊपर सरकारी व्यवसाय पर लगी रोक हटी। उपभोक्ताओं को मिलेगी बेहतर सेवाएँ व सुविधाएं। सरकार के सामाजिक और वित्तीय समावेश योजनाओं में निजी बैंक भी होंगे भागीदार। @FinMinIndia https://t.co/ITtxalwNbx
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 24, 2021
ग्राहक सुविधाओं को और बेहतर बनाना
इस संबंध में वित्त सेवाओं के विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि यह कदम ग्राहक सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए व प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हेतु लिया गया है. बयान में कहा गया कि निजी क्षेत्र के बैंक अब भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और सरकार की सामाजिक क्षेत्र की पहलों में बराबर के भागीदार होंगे.
प्रगति में बराबर के साझेदार
इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैंकिंग सेक्टर में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और इनोवेशन लाने वाले प्राइवेट सेक्टर बैंक अब भारतीय इकोनॉमी के विकास में बराबर के साझीदार होंगे और सरकार की सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी पहलों को आगे बढ़ाएंगे.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार पहले ही वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में आईडीबीआई के अतिरिक्त सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा कर चुकी है. सरकार ने पिछले सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का एकीकरण किया. इससे सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ गई है जो मार्च 2017 में 27 थी.
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