केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 15 राज्यों को 5,968 करोड़ रुपये जारी किए हैं जो इस वित्त वर्ष में जारी की जाने वाली चार किश्तों में से पहली किश्त है. केंद्र चालू वित्त वर्ष में कुल चार किश्त जारी करेगा. अन्य 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशि जारी किये जाने के लिए अपने प्रस्ताव राष्ट्रीय जल जीवन मिशन को भेजने को कहा गया है.
केंद्रीय कोष भारत सरकार द्वारा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों दिए गए नल के पानी के कनेक्शन और उपलब्ध केंद्रीय और समतुल्य राज्य हिस्सा के उपयोग के आधार पर जारी किया जाता है. इस पैसे का उपयोग पेयजल आपूर्ति के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और शुद्ध पानी मुहैया कराने पर होगा. यह पहली किश्त राशि है. इसके बाद भी तीन किश्तें और जारी होंगी.
मुख्य बिंदु
• जल जीवन मिशन के अंतर्गत आवंटित केंद्रीय निधि में से 93 फीसदी जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के विकास पर, पांच फीसदी समर्थन गतिविधियों पर और दो फीसदी जल गुणवत्ता की निगरानी और निगरानी गतिविधियों पर उपयोग किया जाना है.
• राज्यों को केंद्रीय निधि जारी होने के 15 दिनों के भीतर उनके हिस्से के साथ जारी केंद्रीय धन को एकल नोडल खाते में स्थानांतरित करना होगा.
• राज्यों के समतुल्य राज्य हिस्से के लिए प्रावधान करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यान्वयन एजेंसियों को धन की कमी का सामना न करना पड़े.
• पूरे वर्ष खर्च समान रूप से वितरित हो यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर एक उचित व्यय योजना तैयार करनी होगी.
महत्व
पेयजल सप्लाई के लिए अवसंचना सृजन, संचालन और रखरखाव, धूसर जल शोधन और पुनः उपयोग के संदर्भ में बढ़ाए गए बजटीय आवंटन का प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इससे विशाल अवसंचना गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगी. इससे गांवों में उत्पादक संपत्तियां पैदा होंगी.
जल जीवन मिशन के तहत मोटरों, टोटियों, नलों तथा पाइप आदि की मांग में वृद्धि से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि सभी शेष गांवों में काम शुरु होंगे. गावों में जलापूर्ति व्यवस्था के विकास एवं अनुरक्षण, रोजगार के विशाल अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजमिस्त्री, पलंबर, पंप संचालकों आदि का संवर्ग तैयार करने के लिए ग्रामीण लोगों को कौशल प्रदान किया जाएगा.
जल जीवन मिशन का बजटीय आवंटन बढ़ा
• सरकार द्वारा उच्च प्राथमिकता दिए जाने के कारण जल जीवन मिशन का बजटीय आवंटन 2021-22 में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ कर 50,011 करोड़ रुपए हो गया है.
• इसके अतिरिक्त 15वें वित्त आयोग से जुड़ा 26,940 करोड़ रुपए का अनुदान पीआरआई को जल तथा स्वचछता सेवाओं के लिए उपलब्ध होगा. कोष समतुल्य राज्य हिस्सा और बाह्य सहायता परियोजनाओं के माध्यम से भी उपलब्ध होगा.
• इस तरह 2021-22 में ग्रामीण घरों में नल से पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने की योजना है.
• आशा है कि इस तरह का निवेश अगले तीन वर्षों तक जारी रहेगा ताकि ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल किया जा सके.
जल जीवन मिशन का उद्देश्य
जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल से जलापूर्ति सुनिश्चित करना है. जल जीवन मिशन की प्राथमिकता देश भर के सभी भागों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है.
जल जीवन मिशन: एक नजर में
जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी. इस मिशन के तहत कृषि में पुन: उपयोग के लिये वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा.
कोविड-19 की चुनौतियों और उसके बाद के लॉकडाउन के वावजूद 4.17 करोड़ से अधिक परिवारों (21.76 प्रतिशत) को नल से पानी की सप्लाई दी गई है. अब देश में 7.41 करोड़ (38.62 प्रतिशत) से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में सुनिश्चित नल का पानी मिल रहा है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation