चंद्रयान - 2 ऑर्बिटर: इसरो ने ऑर्बिटर के डाटा के साइंटिफिक एनालिसिस के लिए मांगे प्रपोजल

Aug 26, 2021, 17:52 IST

चंद्रयान - 2 ऑर्बिटर अपडेट: इसरो ने ऑर्बिटर के डाटा के साइंटिफिक एनालिसिस के लिए मांगे प्रपोजल, और पढ़े ISRO का चंद्रयान-2 मिशन क्या है.

Chandrayaan 2 Orbiter ISRO seeks proposals for scientific analysis of data of Orbiter
Chandrayaan 2 Orbiter ISRO seeks proposals for scientific analysis of data of Orbiter

चंद्रयान -2 ऑर्बिटर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान - 2 ऑर्बिटर के सभी प्रयोगों से वैज्ञानिक विश्लेषण और पेलोड डाटा के उपयोग के लिए प्रस्तावों की मांग करने के लिए 'अवसर की घोषणा' (अनाउंसमेंट ऑफ़ ऑपोरच्यूनिटी - AO) जारी की है.

यह AO भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए खुला है जिसमें देश भर के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, संस्थानों, कॉलेजों और सरकारी संगठनों के शोधकर्ता शामिल हैं. अतीत में, चंद्रयान -1 के सभी प्रयोगों के मूल्यवान वैज्ञानिक डाटा का भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा चंद्र विज्ञान के अध्ययन के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था. चंद्रयान-2 के पेलोड डाटा को जनता के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है और इसके लिए वैज्ञानिक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.

चंद्रयान-2 ऑर्बिटर वर्तमान में चंद्रमा के चारों ओर 100 किमी x 100 किमी वृत्ताकार ध्रुवीय कक्षा में स्थापित है. यह ऑर्बिटर अपने 08 अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके अध्ययन के लिए महत्त्वपूर्ण डाटा प्रदान करने के लिए प्रयोग कर रहा है, जिसमें चंद्रमा की संरचना से लेकर सतह भूविज्ञान तक एक्सोस्फेरिक माप भी शामिल हैं.

यह अवसर की घोषणा (AO) क्या है?

भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रयान -2 ऑर्बिटर के सभी प्रयोगों से पेलोड डाटा के वैज्ञानिक विश्लेषण और उपयोग (साइंटिफिक एनालिसिस एंड यूटिलाइजेशन) के लिए प्रस्तावों की मांग के उद्देश्य से यह 'अवसर की घोषणा' (AO) जारी की गई है.

चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से यह पेलोड डाटा 24 दिसंबर, 2020 को वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए जनता के लिए जारी किया गया था. इस पेलोड डाटा के अगले सेट जुलाई, 2021 में जारी किए गए थे.

इस AO के तहत कौन प्रस्तुत कर सकता है प्रस्ताव?

AO भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए खुला है जिसमें देश भर के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, संस्थानों, कॉलेजों और सरकारी संगठनों के शोधकर्ता शामिल हैं. केवल ऐसे लोग जिन्होंने सेवानिवृत्ति से पहले 04 वर्ष की न्यूनतम शेष सेवा की है, इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए पात्र हैं.

इस परियोजना की अवधि क्या है?

इस परियोजना के 03 साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं में विज्ञान कार्यशाला और वैज्ञानिक अध्ययनों में परिणामों को प्रकाशित करने के लिए इस प्रोजेक्ट लीड की आवश्यकता होगी.

चयनित प्रस्तावों के लिए क्या सहायता प्रदान की जाएगी?

इसरो ने अपनी आधिकारिक विज्ञप्ति में यह कहा है कि, AO के माध्यम से चयनित प्रस्तावों को एक शोध छात्र के वेतन, कम्प्यूटेशनल सुविधा, आकस्मिकताओं और परियोजना बैठकों और कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए सीमित आर्थिक सहायता सहित, सीमित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

चंद्रयान -2 मिशन: पृष्ठभूमि

चंद्रयान -2 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित दूसरा चंद्र मिशन है. 22 जुलाई, 2019 को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस ऑर्बिटर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News