उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) की वेबसाइट (http://www.up-rera.in/) लॉन्च की. मुख्यमंत्री ने 25 जुलाई 2017 को अपने सरकारी आवास पर वेबसाइट की लॉन्चिंग की. रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी एक अगस्त से उत्तर प्रदेश से प्रभावी हो जाएगी.
उद्देश्य-
मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य सरकार का प्रयास आवास खरीदने वालों के हितों की रक्षा तथा उनकी शिकायतों के त्वरित निस्तारण करना है.
बिल्डर्स को इस वेबसाइट पर अपने प्रॉजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.
इस रजिस्ट्रेशन कराए बिना बिल्डर अपने प्रॉजेक्ट्स का विज्ञापन भी नहीं दे सकेंगे.
इस वेबसाइट के माध्यम से अब उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण में आसानी होगी.
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा रियल एस्टेट रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट ऐक्ट लागू करने से अब इस सेक्टर की समस्याएं दूर की जा सकेंगी.
पिछले अनेक वर्षों से रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डर्स और कंज्यूमर्स के बीच हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के समय से पूरा न होने के कारण अविश्वास का संकट खड़ा हो गया है.
जिसका अब संधान संभव हो सकेगा.
यूपी में बिना पंजीकरण बिल्डर्स नहीं बेच सकेंगे मकान-
रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA/रेरा) के अनुसार बिल्डर्स को इस वेबसाइट पर अपने प्रॉजेक्ट को पंजीकृत कराना होगा. गैरपंजीकृत प्रॉजेक्ट्स के मकान-दुकान एक अगस्त से नहीं बेचे जा सकेंगे.
बिल्डरों को पंजीकरण कराने के लिए केवल छह दिन का समय प्रदान किया गया है.
केंद्र सरकार ने बिल्डर्स की जालसाजी और धोखाधड़ी से जनता के बचाव हेतु रियल एस्टेट ऐक्ट बनाया था.
पंजीकरण नंबर का प्रयोग-
बिल्डर द्वारा अपने प्रॉजेक्ट की बिक्री का जब भी विज्ञापन प्रसारित किया जाएगा, उसे तभी रेरा के पंजीकरण नंबर का उल्लेख करना होगा.
इस पंजीकरण नंबर से खरीदार या आवंटी यह जान सकेगा कि प्रॉजेक्ट की क्या डीटेल अथॉरिटी को बताई गई है.
अगर खरीदार वेबसाइट पर दी गई जानकारी और मौके की स्थिति में अंतर पाता है तो वह अथॉरिटी और ट्राइब्यूनल में शिकायत कर सकता है.
रजिस्ट्री 31 जुलाई से पहले करवाएं -
प्रदेश सरकार ने संभावना व्यक्त की है कि ऐक्ट के लागू होने के बाद कुछ परेशानी पूर्व में पूर्ण किए गए हुए प्रॉजेक्ट्स के साथ आ सकती है.
यह परेशानी 30 अप्रैल 2017 से पहले जो प्रॉजेक्ट्स पूरे हो गए और आवंटियों ने कब्जा ले लिया है लेकिन उन्होंने रजिस्ट्री नहीं कराई है तो हो सकती है.
ऐसे मामलों में सरकार ने सलाहदी है कि जो भी फ्लैट-दुकान उस अवधि में खरीदे जा चुके हैं, उनकी रजिस्ट्री 31 जुलाई से पहले करा ली जाए. एक अगस्त 2017 के बाद रजिस्ट्री के दौरान विशेष नंबर का प्रयोग करना अनिवार्य होगा.

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