रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और चीन सीमा विवाद के चलते, चीन ने कैलाश-मानसरोवर में एक झील के पास मिसाइल साइट का निर्माण किया है, जहां वो जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल बना रहा है. यह झील कैलाश-मानसरोवर का हिस्सा है.
विशेषज्ञों के अनुसार, मिसाइल की तैनाती चीन की ओर से जारी आक्रामक उकसावे का हिस्सा है. इससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और जटिल हो सकता है. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव अभी जारी है. दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में आमने-सामने खड़ी हैं.
भारत-चीन में तनाव जारी
चीन के इस कदम से भारत के साथ उसके संबंध सीमा पर और भी तनावपूर्ण होने के पूरे आसार हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने कैलास-मानसरोवर के इलाके में न केवल अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाया है. बल्कि, वह मानसरोवर के पास एक मिसाइल साइट का निर्माण भी कर रहा है. कैलास-मानसरोवर के पास डीएफ-21 नाम की मिसाइल तैनात की गई है. यह मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल 2,200 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील: एक नजर में
कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील, जिसे आमतौर पर कैलाश-मानसरोवर स्थल के रूप में जाना जाता है, चार धर्मों द्वारा पूजनीय है और भारत में सांस्कृति और आध्यात्मिक शास्त्रों से जुड़ा हुआ है. हिंदू इस स्थल को शिव और उनकी पत्नी पार्वती का निवास मानते हैं, तिब्बती बौद्ध लोग पहाड़ को कंग रिंपोछे कहते हैं. जैन इस पहाड़ को अस्तपद कहते हैं और इसे वह स्थान माना जहां उनके 24 आध्यात्मिक गुरुओं में से प्रथम ने मोक्ष प्राप्त किया. तिब्बत का बौद्ध पूर्व धर्म बोन्स के अनुयायी इस पर्वत को आकाश की देवी सिपाईमेन का निवास स्थान बताया. यह पवित्र स्थल सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलज और कर्णाली (गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी) का उद्गम स्थल भी है.
पृष्ठभूमि
भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई से ही तनातनी जारी है. पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की. इस घुसपैठ का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. गलवान घाटी में 15 जून 2020 को दोनों देश के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए लेकिन उसने अभी तक संख्या का खुलासा नहीं किया है. दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत भी चल रही है.
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