China Released New Map: भारत में G20 शिखर सम्मेलन के आयोजन से ठीक पहले चीन ने एक नए विवाद को जन्म दिया है. चीन की सरकार ने ऑफिशियली एक नया मैप जारी किया है, जिसमें उसने भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal pradesh) और अक्साई चिन (Aksai Chin) को अपना हिस्सा बताया है.
जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया है. यह पहली बार नहीं है जब चीन इस प्रकार की हरकत कर रहा है. इसी साल अप्रैल के महीने चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम को बदलने की घोषणा की थी.
The 2023 edition of China's standard map was officially released on Monday and launched on the website of the standard map service hosted by the Ministry of Natural Resources. This map is compiled based on the drawing method of national boundaries of China and various countries… pic.twitter.com/bmtriz2Yqe
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2023
G20 के बीच नया विवाद:
भारत की G20 अध्यक्षता के बीच विश्व समुदाय का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए चीन इस प्रकार की हरकत कर रहा है. चीन अपनी विस्तारवादी नीति को और मजबूत करना चाहता है. यही किसी भी कीमत पर भारत सहित विश्व समुदाय को मंजूर नहीं होगा.
मैप में क्या है नया?
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन द्वारा जारी किये गए नए मैप में भारत के हिस्सों के अतिरिक्त चीन ने ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी चीनी क्षेत्र में दिखाया है. साथ ही चीन ने नाइन-डैश लाइन को भी अपने अधिकार क्षेत्र में दिखा रखा है. चीन की इस हरकत से विवाद बढ़ गया है.
चीन ने साउथ चाइना सी के एक बड़े भाग पर अपना दावा पेश किया है. दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई देश भी अपना दावा पेश करते है.
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नेचुरल रिसोर्स मिनिस्ट्री ने जारी किया विवादित मैप:
चीन के नेचुरल रिसोर्स मिनिस्ट्री की तरफ से यह विवादित मैप जारी किया गया है. चीन ने यह विवादित मैप नेशनल मैंपिग अवेयरनेस वीक के दौरान जारी किया है. नेचुरल रिसोर्स मिनिस्ट्री के हेड प्लानर वू वेनझोंग ने इस अवसर पर कहा कि सर्वेक्षण, मैप और भौगोलिक जानकारी राष्ट्र के विकास को बढ़ावा देते है.
भारत-चीन सीमा पर है तनाव:
भारत और चीन की सीमा पर पिछले तीन वर्षों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन की तरफ से होने वाली ऐसी हरकतें दोनों देशों के रिश्तों को और नुकसान पहुंचाएंगे. भारत और चीन ने 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दों के समाधान के लिए अब तक 19 दौर की वार्ता की है.
पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति को जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक संक्षिप्त बातचीत करते देखा गया था.
भारतीय स्थानों के नाम बदला था चीन:
चीन ने इस इस साल अप्रैल में 11 भारतीय स्थानों का नाम बदल दिया था. जिसमें आवासीय क्षेत्रों के साथ साथ पहाड़ियों और नदियों के नाम बदल दिए थे. यह पहला मौका नहीं था जब चीन इस प्रकार की हरकत कर रहा था.
चीन इससे पहले 2017 और 2021 में भी भारतीय स्थानों का नाम बदल दिया था जिस कारण राजनीतिक टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी.
क्या है भारत का पक्ष:
भारत ने हमेशा से ही चीन की इस विस्तारवादी नीति का विरोध किया है. भारत ने पहले भी चीन की विस्तारवादी योजनाओं को खारिज किया है. चीन के इस रुख का दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर भी पड़ेगा. G20 की बैठक के दौरान चीन नए विवाद को जन्म दे रहा है. गौरतलब है कि G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुनिया के शीर्ष नेता भारत आने वाले है.
#China has released a new standard map after BRICS summit and before #G20Summit2023.
— Tarangini das 🇮🇳💁♀️ (@Tarangini_das47) August 29, 2023
In this left is the Chinese map where they have included #ArunachalPradesh and #Ladakh in their territory.
So I thought why not mention all the parts in the right as they actually are.
Infact… pic.twitter.com/9j2YZUnq84
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