चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो अब अपने अगले मिशनों पर फोकस कर रहा है. जिसमें सूर्य मिशन आदित्य- L1 और भारत का पहला मानव मिशन गगनयान शामिल है. इसरो जहां आदित्य- L1 मिशन को सितम्बर के पहले सप्ताह में भेजने की तैयारी में है, वहीं अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में गगनयान मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जायेगा.
इसे भारत के पहले मानव मिशन के रिहर्सल के रूप में भेजा जा रहा है, यह वही रूट फॉलो करेगा जो जिससे पहला मानव मिशन धरती की ओर लौटेगा.
महिला रोबोट व्योममित्र को स्पेस में भेजेगा इसरो:
गगनयान मिशन की तैयारी में इसरो बहुत पहले से ही काम कर रहा है. इसी कड़ी में एक स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से महिला रोबोट व्योममित्र ( Vyom Mitra) को स्पेस में भेजने की तैयारी की जा रही है. इसे अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में भेजा जा सकता है. एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह कहा कि कोविड महामारी के कारण गगनयान प्रोजेक्ट में देरी हुई है.
Mission Gaganyaan:
— ISRO (@isro) August 12, 2023
🔸VSSC/ISRO, in collaboration with ADRDE/ @DRDO_India , successfully conducted Drogue Parachute Deployment Tests at the RTRS facility in Chandigarh.
🔸Drogue parachutes, armed with pyro-based mortars, stabilize and decelerate the crew module during re-entry… pic.twitter.com/q9AN3jAxYN
व्योममित्र रोबोट क्या है?
इसरो के महिला व्योममित्र रोबोट को गगन यान मिशन के तहत इसी साल स्पेस में भेजा जायेगा. व्योमित्र दो संस्कृत शब्दों व्योम (अंतरिक्ष) और मित्र (मित्र) से मिलकर बना है. व्योममित्र हाफ-ह्यूमनॉइड का प्रोटोटाइप है जिसे मानवरहित गगनयान मिशन के लिए तैयार किया गया है.
व्योममित्र रोबोट में क्या है खास?
व्योममित्र मॉड्यूल मापदंडों के माध्यम से संचालित हो सकता है साथ ही यह अलर्ट भी भेज सकता है. साथ ही यह अंतरिक्ष यात्रियों से बातचीत कर सकता है, उन्हें पहचान सकता है और उनके प्रश्नों का उत्तर भी दे सकता है. यह हाफ-ह्यूमनॉइड अंतरिक्ष में मानव कार्यों का अनुकरण करेगा.
तीन साल पहले पेश किया गया था व्योममित्र को:
इसरो के महिला व्योममित्र रोबोट को तीन साल पहले ही दुनिया के सामने पेश किया गया था. इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट के रूप में जाना जाता है. इसे सबसे पहले 2021 इवेंट 'ह्यूमन स्पेसफ्लाइट एंड एक्सप्लोरेशन के उद्घाटन सत्र में लोच किया गया था.
गगनयान मिशन क्या है?
भारत के गगनयान मिशन का उद्देश्य मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है. इस मिशन के तहत 3 स्पेस क्रू मेम्बर को स्पेस में भेजने की है और उन्हें सुरक्षित भारतीय समुद्री जल क्षेत्र में उतारकर कर पृथ्वी पर लाने की है. इसे तीन दिनों के लिए लांच किया जायेगा. इसके तहत स्पेस क्रू स्पेस में 400 किमी की ऑर्बिट तक जायेगा.
गगनयान मिशन के तहत क्रू मेम्बर को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने के लिए मानव रेटेड लांच व्हीकल सहित कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को विकसित किया जा रहा है. स्पेस में क्रू मेम्बर को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान किया जायेगा. आपातकाल की स्थिति के लिए भी क्रू मेम्बर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
गगनयान मिशन को लांच करने के लिए, इसरो अपने पावरफुल राकेट GSLV Mk III का उपयोग करेगा. इस राकेट को GSLV Mk III (Launch Vehicle Mark-3 or LVM 3) के नाम से भी जाना जाता है. इसके पेलोड में क्रू मॉड्यूल (मानव को ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट) और सर्विस मॉड्यूल (दो तरल प्रणोदक इंजनों द्वारा संचालित) शामिल है.
फ्रांस भी कर रहा सहयोग:
भारत और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है. फ्रांस के पास अंतरिक्ष चिकित्सा के लिए एक अच्छा सिस्टम मौजूद है. इसमें सीएनईएस की सहायक कंपनी एमईडीईएस अंतरिक्ष क्लिनिक भी है, अंतरिक्ष सर्जन प्रशिक्षण लेते हैं.
In the run up to the first Human Space Mission by India at @isro ... 'Vyommitra', the humanoid for #Gaganyaan unveiled. This prototype of humanoid will go as trial before Gaganyaan goes with Astronauts. #ISRO pic.twitter.com/pnzklgSfqu
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 22, 2020
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