हाइलाइट्स:1. आदित्य L1 मिशन का उद्देश्य सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है. आदित्य L1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन पॉइंट (L1) के पास हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जायेगा. 2. आदित्य L1 मिशन सात वैज्ञानिक पेलोड (उपकरण) लेकर जायेगा. आदित्य L1 पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाने वाला इसरो का 5वां मिशन है. 3. आदित्य L1 मिशन स्पेसक्राफ्ट के पेलोड फ़ोटोस्फ़ेयर, क्रोमोस्फीयर (Chromosphere) और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (CORONA) का अध्ययन करेंगे. |
Aditya-L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रच दिया. साथ ही 23 अगस्त के इस एतिहासिक दिन को 'नेशनल स्पेस डे' के रूप में मनाने की भी घोषणा कर दी गयी है.
भारत ने सूर्य मिशन आदित्य L1 मिशन को भी सफलतापूर्वक लांच कर दिया है. इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर को सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रचा था. आदित्य L1 लगभग 125 दिनों बाद लैग्रेंजियन पॉइंट पर पहुंचेगा.
इसे PSLV-C57 राकेट से लांच किया गया. यह PSLV राकेट की 59वीं उड़ान थी. इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है. इसे सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पास हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जायेगा.
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Launch of PSLV-C57/Aditya-L1 Mission live (Official) |
आदित्य-L1 मिशन क्या है?
इसरो जल्द ही देश के पहले सूर्य मिशन को लांच करने की तैयारी में है. यह इसरो का पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला कैटेगरी का भारतीय सौर मिशन है. इस मिशन के तहत सौर अध्ययन के लिए एक स्पेसक्राफ्ट भेजा जायेगा जिसे सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन पॉइंट (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जायेगा.
आदित्य L1 मिशन का उद्देश्य:
आदित्य L1 मिशन सौर गतिविधियों का अध्ययन करेगा. स्पेसक्राफ्ट के पेलोड (उपकरण) फ़ोटोस्फ़ेयर, क्रोमोस्फीयर (Chromosphere) और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का अध्ययन करेंगे. क्रोमोस्फीयर, पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है. लैग्रेंजियन पॉइंट वह पॉइंट है जहां दो ऑब्जेक्ट के बीच कार्य करने वाले सभी गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को निष्प्रभावी कर देते है. ऐसे में L1 पॉइंट का उपयोग स्पेसक्राफ्ट के उड़ने के लिए किया जा सकता है.
सौर मिशन आदित्य L-1 सौर कोरोना (सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग) की बनावट, तापमान प्रक्रिया, सौर तूफान की उत्पत्ति, कोरोना और कोरोनल लूप प्लाज्मा की बनावट, कोरोनल मास इजेक्शन (सूर्य में होने वाले शक्तिशाली विस्फोट), अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों आदि का अध्ययन करेगा.
After historic moon landing, ISRO’s maiden solar mission, Aditya- L1, launched successfully from Sriharikota
— ANI Digital (@ani_digital) September 2, 2023
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आदित्य L-1 स्पेसक्राफ्ट के पेलोड:
आदित्य-L1 मिशन के साथ सूर्य के अध्ययन के लिए सात वैज्ञानिक पेलोड का एक सेट भेजा जा रहा है. जो नीचे दिए गए है. खास बात यह है कि इन सभी को स्वदेश रूप से विकसित किया गया है.
विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ का विकास बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने किया है. जबकि सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड को इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने विकसित किया है.
क्र. सं | पेलोड (इंस्ट्रूमेंट) | उद्देश्य |
1. | विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (Visible Emission Line Coronagraph-VELC) | यह सूर्य की बहरू परत यानी सौर कोरोना और कोरोनल मास इजेक्शन का अध्ययन करेगा. |
2 | सोलर अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (Solar Ultra-violet Imaging Telescope-SUIT) | यह डिवाइस पेलोड अल्ट्रा-वायलेट (UV) के निकट सोलर फ़ोटोस्फ़ेयर, क्रोमोस्फीयर की तस्वीरें लेगा और सौर विकिरण का भी अध्ययन करेगा. |
3 | आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (Aditya Solar wind Particle EXperiment-ASPEX) | यह सौर पवन, सौर आयनों और ऊर्जा वितरण का अध्ययन करेगा. |
4 | प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (Plasma Analyser Package for Aditya-PAPA) पेलोड | यह सौर पवन, सौर आयनों और ऊर्जा वितरण का अध्ययन करेगा. |
5 | सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS) | यह एक्स-रे ऊर्जा रेंज में सूर्य से आने वाली एक्स-रे किरणों का अध्ययन करेगा. |
6 | हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (High Energy L1 Orbiting X-ray Spectrometer-HEL1OS) | यह डिवाइस भी, SoLEXS की तरह एक्स-रे ऊर्जा रेंज में सूर्य से आने वाली एक्स-रे किरणों का अध्ययन करेगा. |
7 | एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई-रिज़ॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर (Advanced Tri-axial High-Resolution Digital Magnetometers) | यह डिवाइस लैग्रेंजियन (L1) पॉइंट पर दो ग्रहों के बीच के चुंबकीय क्षेत्र को मापने का काम करेगा. |
आदित्य L1 मिशन हुआ लांच:
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद, इसरो ने आदित्य-L1 मिशन को भी लांच कर दिया गया है.इसे 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे लांच किया गया.
चार महीने में पहुंचेगा लैग्रेंजियन (L1) पॉइंट तक:
आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट को इसरो के पीएसएलवी (C57) रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया. पहले इसे पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित किया जाएगा. जहां से इसे पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के लैग्रेंजियन (L1) पॉइंट में स्थापित करने के लिए बूस्ट किया जायेगा. इस मिशन के लैग्रेंजियन (L1) पॉइंट तक पहुंचने में लगभग लगभग चार महीने का समय लगेगा.
पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाने वाले इसरो मिशन:
लॉन्चिंग डेट | मिशन |
22 अक्टूबर 2008 | चंद्रयान-1 |
5 नवंबर 2013 | मार्स आर्बिटर मिशन (MoM) |
22 जुलाई 2019 | चंद्रयान- 2 |
14 जुलाई को 2023 | चंद्रयान-3 |
2 सितंबर 2023 | आदित्य- L1 |
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