चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को 3 करोड़ डॉलर अतिरिक्त दान देने का घोषणा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादों में चल रहे डब्ल्यूएचओ को चंदा देने पर बैन लगाने के बाद अब चीन ने मदद की राशि बढ़ाने का घोषणा किया है. चीन ने कहा कि उसने कोरोना महामारी के इस दौर में डब्ल्यूएचओ की कई स्तर पर मदद की है.
चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के वैश्विक महासंकट से निपटने हेतु डब्ल्यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि दान करेगा. इससे पहले चीन ने डब्ल्यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर दिया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य महामारी से जूझ रही दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर करना है.
अमेरिका ने रोकी WHO की फंडिंग
अमेरिका ने हाल ही में डब्ल्यूएचओ के फंडिंग पर रोक लगाने का घोषणा किया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 अप्रैल को कहा कि कोरोना वायरस से 'गलत तरीके' से निपटने और इस पूरे मामले को कवर करने को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की समीक्षा की जा रही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सही से कदम नहीं उठाने और दूसरे देशों की करतूतों पर पर्दा डालने का आरोप लगाया था. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि डब्ल्यूएचओ का रवैया पक्षपाती है और वह चीन के पक्ष में झुका हुआ है.
WHO की जरूरत क्यों है?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस जैसी महामारी की स्थिति में दुनियाभर के लिए केंद्रीय समन्वयकारी निकाय की तरह काम करता आया है. इसका काम है दुनिया की अलग-अलग हेल्थ एजेंसियों को गाइड करना, आपातकाल की घोषणा करना और आपात स्थिति में दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच सूचनाओं और महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करना.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि कोरोना वायरस अब तक 185 देशों में फैल चुका है. अब तक दुनियाभर में इसके 26 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 1,83,441 की मौत हो चुकी है. विश्व महाशक्ति अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
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