झारखंड सरकार द्वारा 31 जुलाई 2017 को यह घोषणा की गयी कि अब से राज्य के आठवीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड की परीक्षाएं देनी होंगी. सरकार द्वारा यह कदम राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है.
इस निर्णय के अनुसार पढ़ाई में कमजोर सरकारी स्कूल के छात्रों को अगली कक्षा में जाने से रोकने के लिए झारखंड सरकार आठवीं में भी बोर्ड परीक्षा लेगी. दसवीं एवं बारहवीं कक्षा की तरह आठवीं की परीक्षा भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ली जाएगी.
झारखंड सरकार का फैसला
• राज्य में छात्रों के शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी के लिए आठवीं कक्षा में भी बोर्ड लागू किया गया.
• प्राथमिक विद्यालय की भांति सरकारी हाई स्कूल व बारहवीं स्कूलों में भी सुबह आठ बजे से अपराह्न दो बजे तक पढ़ाई होगी. अभी इन स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक है.
• छात्र-छात्रओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति पर ही उन्हें आठवीं, मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.
• परीक्षाओं से पहले टेस्ट भी लिया जाएगा, जिसमें न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाने पर ही परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. यह टेस्ट दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगा.
• स्कूल में पढ़ाई के बाद बच्चों को घर में भी पढ़ाई का पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है.
• स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों को आदेश जारी किया.
इसके अतिरिक्त झारखंड शिक्षा विभाग सचिव द्वारा परीक्षा में सुधार के लिए विभाग की स्वीकृति लेकर नियम में आवश्यक संशोधन करने का भी निर्देश दिया गया. सचिव ने वार्षिक परीक्षा का आयोजन फरवरी की बजाय अब मार्च के प्रथम सप्ताह में लेने का निर्देश दिया ताकि बच्चों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके. विभाग ने वर्ष 2016 में भी परीक्षा में सुधार को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था उसे भी लागू करने का निर्देश दिया गया है.
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