पंजाब में 03 जनवरी 2018 से सीएनजी की आपूर्ति आरंभ की गयी. भारत में कार्बन उत्सर्जन की बढ़ती तादाद के चलते विभिन्न राज्यों में इस प्रकार के प्रयास सराहनीय हैं.
सरकार द्वारा लाइसेंस की स्वीकृति के बाद जय मधोक एनर्जी ने जालंधर में सीएनजी पंप प्रारंभ कर दिया. इस क्षेत्र में फिलहाल 6.5 प्रतिशत तक ही सीएनजी का उपयोग हो सकेगा लेकिन, बाद में इसकी आपूर्ति को बढ़ाया जाएगा. विदित हो कि अब तक देश में लगभग 1282 सीएनजी स्टेशन लगाए जा चुके हैं.
मुख्य बिंदु
• सरकार की प्रदूषण पर अंकुश तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के इरादे से 300 शहरों में गैस वितरण शुरू करने की योजना है.
• यह 2020 तक कुल ऊर्जा में गैस का योगदान 20 प्रतिशत करने की योजना का हिस्सा है जो फिलहाल 6.5 प्रतिशत है.
• पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन तथा विश्लेषण प्रकोष्ठ के अनुसार देश में 1,282 सी.एन.जी. स्टेशन हैं. इसमें से 424 दिल्ली में तथा 405 गुजरात एवं 253 मुंबई में हैं.
• जय मधोक एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने 2013 में जालंधर में सी.एन.जी. और घरों में पाइप के जरिए खाना पकाने की गैस उपलब्ध कराने का लाइसेंस हासिल किया था.
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सीएनजी क्या है?
संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली ज्वलनशील गैस को अत्यधिक दबाव के अन्दर रखने से बने तरल को कहते हैं. इस गैस को वाहनों में प्रयोग करने के लिए 200 से 250 किलोग्राम प्रति वर्ग सेंटीमीटर तक दबाया जाता है.
प्राकृतिक गैस को दबाकर कम करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह आयतन कम घेरे और इंजन के दहन प्रकोष्ठ में उपयुक्त दाब के साथ प्रवेश करे. चूंकि यह प्राकृतिक गैस का ही संपीड़ित रूप है, इसलिए सीएनजी का रासायनिक संगठन भी वही होता है, जो बगैर दबाई गई गैस का होता है. प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी के अवयव हैं, मीथेन, ईथेन और प्रोपेन. प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी. भी रंगहीन, गंधहीन और विषहीन होती है.
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