केंद्र सरकार ने 03 जनवरी 2018 को श्रीनगर से लेह के दुर्गम सड़क मार्ग को आसान बनाने वाली रणनीतिक 'जोजिला' सुरंग को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने उक्त परियोजना को मंजूरी दे दी.
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इसका मुख्य मकसद कश्मीर घाटी तथा लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराना है. इस योजना से ना सिर्फ रणनीतिक बल्कि टूरिज्म के लेवल पर भी बड़ी मदद मिलेगी. जोजिला सुरंग परियोजना के लिये सबसे कम बोली लगाने वाली फर्म के रूप में उभरी है.
मुख्य तथ्य:
• जोजिला सुरंग एनएच-1ए पर 95 किमी मील पत्थर को और 118 किमी मील पत्थर को सीधे जोड़कर दूरी को काफी कम कर देगी.
• सात वर्ष में पूरी होने वाली 14.5 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर 6,809 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
• जोजिला सुरंग श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जोजिला पास के नजदीक बनेगी. यह समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
• यह सुरंग ऐसे भौगोलिक क्षेत्र में इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना होगी. परियोजना से जोजिला दर्रा से गुजरने वाले यात्रियों की सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रा समय 3.5 घंटे से कम होकर 15 मिनट हो जाएगा.
• इसके सुरंग के निर्माण में 7 साल का समय लगेगा क्योंकि यह काफी कठिन भौगोलिक क्षेत्र में है, जहां तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे तक चला जाता है.
• जोजिला सुरंग पर अगले साल जून से काम शुरू होने की उम्मीद है. इस बीच जम्मू-कश्मीर में इसी सड़क पर गगनगीर में 6.5 किलोमीटर जेड मोड सुरंग का निर्माण तेजी से हो रहा है.
• इन दोनो सुरंगों के पूरा होने के बाद कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों का आपस में बारहमासी सड़क संपर्क शुरू हो जाएगा.
• दोनो परियोजनाओं से क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.
• यह परियोजना का कार्यान्यवन एनएचआइडीसीएल द्वारा किया जाएगा.
पृष्ठभूमि:
हर साल दिसंबर-अप्रैल के दौरान यहां इतनी भारी बर्फबारी और हिमस्खलन होता है कि लेह- लद्दाख क्षेत्र का जम्मू-श्रीनगर से संपर्क पूरी तरह कट जाता है. जोजिला सुरंग का निर्माण होने के बाद इस मार्ग पर साल के 365 दिन चौबीसों घंटे वाहनों की आवाजाही संभव हो सकेगी. पाकिस्तान सीमा से सटे होने के कारण यह सड़क रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. लिहाजा सुरंग बनने से सेना के लिए भी आसानी हो जाएगी.
यह भारत और एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी. यह दो लेन वाली दुतरफा सिंगिल ट्यूब सुरंग होगी जिसके समानांतर एक अन्य एंग्रेस सुरंग का निर्माण आपातस्थिति में राहत और बचाव कार्यो के लिए किया जाएगा.
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