कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस ने 25 मई 2018 को घोषणा किया कि कोलम्बिया जल्द ही औपचारिक रूप से उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल हो जाएगा.
इस पहल के साथ, कोलंबिया गठबंधन का हिस्सा बनने वाला पहला लैटिन अमेरिकी राष्ट्र बन जाएगा.
संगठन में कोलंबिया एक "वैश्विक भागीदार" के रूप में शामिल होगा, जिसका अर्थ है कि इसे सैन्य कार्रवाई में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
मुख्य तथ्य:
• कोलंबिया ने अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इराक, जापान, कोरिया गणराज्य, मंगोलिया, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान की भांति ही नाटो के "वैश्विक भागीदार" में रूप में जगह बनाई है.
• कोलंबिया के साथ साझेदारी में साइबर और समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और संगठित अपराध के लिंक जैसे वैश्विक सुरक्षा क्षेत्रों पर सहयोग शामिल होगा.
• हालांकि घोषणा उसी दिन की गई थी जब आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने कहा कि कोलंबिया को आधिकारिक तौर पर समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
नाटो के बारे में: |
उत्तरी एटलांटिक संधि संगठन (नाटो) एक सैन्य गठबंधन है. इसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है.
नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का 70% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली 15% खर्च करते हैं.
इस समूह में उत्तर अमेरिका और यूरोप के प्रमुख देशों के साथ कुल 29 सदस्य देश हैं.
बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच 16 दिसम्बर 2002 को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो. |
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