शादियों में फिजूलखर्ची रोकने हेतु 'अनिवार्य पंजीकरण और फालतू खर्च रोकथाम विधेयक 2016' लोकसभा में पेश

Feb 17, 2017, 16:06 IST

अनिवार्य पंजीकरण और फालतू खर्च रोकथाम विधेयक 2016 बिल के अनुसार शादी में 5 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए या ज्यादा मेहमान बुलाए तो, उसे इस राशि का 10% गरीब परिवार की लड़की की शादी के लिए दान करना होगा.

 JF-17 संसद के आगामी सत्र में शादियों में फिजूलखर्ची रोकने हेतु बिल लोक सभा में पेश किया गया.  बिल को 'अनिवार्य पंजीकरण और फालतू खर्च रोकथाम विधेयक 2016' के नाम से लिस्ट किया गया है.

बिल के अनुसार शादी में 5 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए या ज्यादा मेहमान बुलाए तो, उसे इस अमाउंट का 10% गरीब परिवार की लड़की की शादी के लिए डोनेट करना होगा. प्रकिया के तहत कानून मंत्रालय ने बिल के प्रारूप को वैधानिक मानकों पर परखने के बाद निजी बिल को कानून मंत्रालय ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी हेतु भेज दिया है.

राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद लोकसभा में यह निजी विधेयक चर्चा हेतु लाया जा सकेगा. निजी विधेयक लोकसभा में यदि पारित हो भी जाता है तो भी यह कानून का रूप नहीं ले सकेगा. इसे कानून बनने हेतु सरकार को ही पहल करनी होगी.

मुख्य तथ्य-

•    बिल पास होने के बाद शादी में ताम-झाम दिखाना मुश्किल हो सकता है.
•    अनिवार्य पंजीकरण और फालतू खर्च रोकथाम विधेयक 2016 कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने लोकसभा मंल पेश किया.
•    रंजीत रंजन सुपौल (बिहार) से सांसद हैं. उनका सम्बन्ध पंजाब से है.
•    यह प्राइवेट मेंबर बिल लोकसभा के अगले सत्र में टेबल किया जाएगा.

बिल का उद्देश्य-
•    कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन के अनुसार बिल को लाने का उद्देश्य शादियों में ज्यादा खर्च और बर्बादी को रोकना है.
•    लोगों को शादी समरोह को सादा तरीके से करने चाहिए. इन दिनों शादियों में दिखावे का ट्रेन्ड बढ़ गया है.
•    शादी दो लोगों के बीच का पवित्र बंधन है. लोग पैसा और ताम-झाम दिखाने के लिए बेतहाशा खर्च करते हैं.
•    पैसा और ताम-झाम के कारण गरीब परिवारों पर भी इस बात का दबाव बढ़ जाता है कि वो भी अपने यहां शादियों पर ज्यादा खर्च करें.
•    समाज के दृष्टिकोण से इसे प्रतिबंधित किया जाने की आवश्यकता है.

बिल में प्रावधान-
अनिवार्य पंजीकरण और फालतू खर्च रोकथाम विधेयक 2016 (Compulsory Registration and Prevention of Wasteful Expenditure) Bill, 2016, के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने यहां होने वाली शादी में 5 लाख से ज्यादा की धनराशि खर्च करता है तो उसे सरकार को एडवांस में खर्च बताना होगा.

•    उस व्यक्ति को कुल रकम का 10 फीसदी वेलफेयर फंड में देना होगा.

•    इस वेलफेयर फंड के पैसे का प्रयोग गरीबी रेखा से नीचे गुजारा करने वाली फैमिली की बेटियों की शादी में किया जाएगा.

•    यदि बिल कानून में परिवर्तित होता है तो सभी शादियों का 60 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

•    सरकार मेहमानों की तादाद को फिक्स कर सकती है.

•    इसके अलावा शादी में परोसी जाने वाली डिशेज की जानकारी भी सरकार को देनी होगी.

•   आर्थिक-सामाजिक संगठनों ने अध्ययनों के अनुसार भारत में होने वाली अधिकांश शादियों में कम से कम 20 फीसद भोजन बर्बाद होता जाता है.

माह नवंबर 2016 में कैश की कमी के बावजूद पूर्व मंत्री और व्यापारी जनार्धन रेड्डी की बेटी की शादी में अनुमान के अनुसार 74 लाख डॉलर खर्च किये गए. देश भर में रेड्डी की आलोचना की गयी.

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