पूरे देश में माइल्ड से मॉडरेट कोविड - 19 पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए इस 19 जून को भारतीय फार्मास्यूटिकल्स के लिए राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण-केंद्रीय ड्रग्स मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मुंबई की ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी को ओरल एंटीवायरल ड्रग ‘फेबिपिरविर (फेबिफ्लू)’ के विनिर्माण और विपणन के लिए मंजूरी दे दी है.
भारत में इस दवाई के लिए मंजूरी 150 विषयों पर चल रहे क्लिनिकल परीक्षण के वैश्विक सबूतों के आधार पर दी गई थी. फार्मसिस्ट्स केवल दवाई का मान्य पर्ची लाने वाले ग्राहकों को ही यह दवाई बेचें.
फेविपिरविर
यह एक एंटीवायरल ड्रग है जिसे पहली बार जापान में वर्ष 2014 में मंजूरी दी गई थी. टोक्यो की टोयामा केमिकल्स कंपनी ने पहली बार इस दवाई का निर्माण और विकास किया था. बीते वर्षों में इस दवाई से कई वायरल इन्फेक्शन्स और विशेष रूप से इन्फ्लुएंजा का इलाज किया जा रहा है. वर्ष 2019 में यह एक जेनेरिक दवाई बन गई.
यह दवाई राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) पोलीमरेज़ (आरडीआरपी) एंजाइमों पर वार करती है जो आरएनए पर निर्भर हैं. ट्रांसक्रिप्शन और रेप्लिकेशन के लिए, वायरस के डीएनए या आरएनए जीन के लिए आरएनए पोलीमरेज़ एंजाइम आवश्यक होते हैं.
इलाज
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी ने अगले 7 से 10 दिन में पूरे देश में यह दवाई उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. इस दवाई की एक गोली की कीमत 103/- रुपये होगी. ये गोलियां 34 की संयुक्त पट्टी (कंबाइंड स्ट्रीप) में उपलब्ध होंगी जिसकी लागत 3,500 रुपये होगी और प्रत्येक गोली 200 मिलीग्राम की होगी.
इलाज के पहले दिन, मरीज को 18 गोलियां (सुबह नौ और शाम को नौ गोलियां) खाने की सलाह दी जायेगी. दूसरे दिन से आगे, रोज़ सुबह और शाम को 4 - 4 गोलियां खानी होंगी. कंपनी ने यह कहा है कि, फेबिपिरविर से कोविड - 19 के मरीज का इलाज 14 दिन तक चल सकता है.
कोविड - 19 से पीड़ित 18 - 75 वर्ष की आयु के ऐसे मरीजों के लिए यह दवाई है जिनमें कोविड - 19 के माइल्ड से मॉडरेट सिम्पटम्स (लक्षण) हों.
पृष्ठभूमि
रूस और जापान से प्राप्त परिणामों के अनुसार इस दवा में उल्लेखनीय प्रभावकारिता है. जापान उर रूस ने क्रमशः 15 मार्च और 01 जून, 2020 को अपने देश में कोविड - 19 के इलाज के लिए इस दवाई को पहले ही मंजूरी दे दी है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation