विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि सर्वप्रथम भारत में मिला कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट 124 देशों में फैल चुका है जो पिछले हफ्ते तक 111 देशों में मिला था. डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ महीनों में यह सबसे प्रभावी स्ट्रेन बन जाएगा. बकौल डब्ल्यूएचओ, भारत समेत विभिन्न देशों में अब 75 प्रतिशत नए मामले इसी वैरिएंट के हैं.
डब्ल्यूएचओ ने 21 जुलाई 2021 को यह जानकारी दी. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि SARS-Cov-2 के इन नए वेरिएंट की दुनिया भर में अभी कुछ महीनों तक बने रहने की आशंका है. वेरिएंट ऑफ कंसर्न में शामिल इस वायरस के फैलने का कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में ढिलाई और वैक्सीन का असमान वितरण को माना जा रहा है.
कोरोना का डेल्टा वेरिएंट: एक नजर में
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट दुनिया भर में कहर बरपा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, रूस और चीन सहित कई देशों में कोरोनोवायरस के इस संस्करण के करीब 75 प्रतिशत से अधिक मामले हैं.
इंडोनेशिया में कोविड-19 के सबसे ज्यादा केस
पिछले हफ्ते, इंडोनेशिया में ब्रिटेन, ब्राजील, भारत और अमेरिका के बाद कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे. प्रति व्यक्ति कोरोनोवायरस मामलों में चिंताजनक वृद्धि के बावजूद, ब्रिटेन ने लगभग सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है.
भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर
भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप मुख्य रूप से जिम्मेदार था. इसके कारण संक्रमण के 80 प्रतिशत से ज्यादा नए मामले सामने आए थे. यह जानकारी ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ के सह अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने दी. उन्होंने कहा कि अगर वायरस का कोई अधिक संक्रामक स्वरूप आता है तो संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं.
वायरस का डेल्टा स्वरूप
वायरस का डेल्टा स्वरूप, अपने पूर्ववर्ती अल्फा स्वरूप से 40-60 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है और ब्रिटेन, अमेरिका तथा सिंगापुर समेत 80 से ज्यादा देशों में पहले ही फैल चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, डॉ अरोड़ा ने कहा कि ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप (एवाई.1 और एवाई.2) अब तक महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है.
पहला मामला ब्रिटेन में
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एल्फा, जिसका पहला मामला ब्रिटेन में सामने आया था, बीटा जिसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था और गामा वैरिएंट जिसका पहला मामला ब्राजील में सामने आया था, को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में रखा हुआ है.
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