अर्जेंटीना के वित्त मंत्री होर्गे रेमेस लेनिकोव ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. जिसका कारण देश में गहराता आर्थिक संकट बताया जा रहा है.
अर्जेंटीना की सरकार ने ऊर्जा और उत्पादन मंत्रियों को पद से हटा दिया. जुआन जोस अरंगुरेन को हटाकर जेवियर इगुआसेल को ऊर्जा मंत्री बनाया जाएगा. वही उत्पादन मंत्री फ्रांसिस्को काबरेरा की जगह पूर्व राष्ट्रपति एडुआर्डो डुहाल्डे नये उत्पादन मंत्री होंगे.
होर्गे रेमेस लेनिकोव के इस्तीफ़े के बाद देश की सरकार के बाक़ी मंत्रियों ने भी अपने-अपने इस्तीफ़े की पेशकश की है ताकि राष्ट्रपति एडुआर्डो दुहाल्दे मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकें.
अर्जेंटीना के केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष फेडेरिको स्टरजेनेगर ने दो दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि केंद्रीय बैंक और बाजार पर लोगों का विश्वास लौट सके.
लेनिकोव ने इस्तीफ़ा क्यों दिया?
लेनिकोव ने इसलिए त्यागपत्र दिया क्योंकि अर्जेंटीना की संसद ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को चरमराने से रोकने के लिए ज़रूरी संसदीय प्रस्तावों पर विचार करने से इनकार कर दिया था.
प्रस्ताव क्या था?
लेनिकोव ने प्रस्ताव रखा था कि बैंकों में पड़ी जनता की जमापूँजी को पाँच या 10 साल मीयाद के सरकारी बॉंडों में बदल दिया जाए ताकि बैंकों में पड़ी राशि भुगतान करते-करते ख़त्म न हो जाए.
सरकार के इस प्रस्ताव पर आम लोगों में गंभीर प्रतिक्रिया हुई. जनता ने राजधानी ब्यूनस आयर्स में संसद भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किए जिनसे यह आशंका होने लगी कि कहीं मामला दिसंबर 2017 जैसा हिंसक न हो जाए जब जनता का ग़ुस्सा कुछ समय के लिए बेकाबू हो गया था.
आर्थिक संकट:
अर्जेंटीना के बैंकों को पिछले हफ़्ते ही लाखों डॉलर जमाकर्ताओं को अदा करने पड़े थे. वे जब अदालत के आदेश की प्रति लेकर बैंकों से अपनी पूँजी निकालने के लिए पहुँचे बावजूद इसके कि पैसा निकालने पर अभी सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. इस घटना के बाद इस हफ़्ते सरकार ने बैंको को बंद कर दिया था. इससे देश का आर्थिक संकट और गहरा गया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कह चुका है कि वह तभी अर्जेटीना की मदद करेगा जब बैंकों पर पड़ रहा दबाव ख़त्म हो जाए और सरकार अपने ख़र्च में और कटौती करे.
पृष्ठभूमि:
वित्त मंत्री होर्गे रेमेस लेनिकोव की इसलिए भी आलोचना हो रही है क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अर्जेंटीना के लिए ज़रूरी सहायता राशि प्रदान करने में असफल रहे.
अर्जेंटीना के नवीनतम संकट के चलते राष्ट्रपति दुहाल्दे को देश की आर्थिक दशा संभालने के लिए फिर नए सिरे से मेहनत शुरु करनी पड़ेगी.
कुछ सांसदों ने बैंकों में जमा राशि को बचाए रखने के लिए एक प्रस्ताव रखा है जिसके अंतर्गत अदालत से बैंकों में जमा राशि निकालने संबंधी आदेश ले पाना ज़्यादा कठिन हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: सऊदी अरब ने महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना शुरू किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation