क्रिप्टोकरंसी और विनियमन के लिए, आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 जिसे क्रिप्टो बिल के रूप में भी जाना जाता है, अब 19 जुलाई, 2021 से शुरू होने वाले भारतीय संसद के मानसून सत्र में प्रस्तुत होने के लिए तैयार है.
क्रिप्टोकरंसी और विनियमन के लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्या है?
• क्रिप्टोकरंसी और विनियमन के लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 जिसे क्रिप्टो बिल के रूप में भी जाना जाता है, भारत में क्रिप्टोकरंसी के विनियमन के लिए एक नया बिल था जिसके माध्यम से भारत में निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने और एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा प्रदान करने का सुझाव दिया था.
• इससे पूर्व, यह विधेयक भारतीय संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था.
क्रिप्टोकरंसी बिल, 2021 के उद्देश्य
- लोकसभा द्वारा जारी संसदीय मामलों से संबंधित बुलेटिन के अनुसार, आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोकरंसी और विनियमन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
(i) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना.
(ii) भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करना.
(iii) क्रिप्टोकरंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति प्रदान करना.
क्रिप्टोकरंसी पर भारत सरकार का रुख
• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मई, 2021 को यह घोषणा की थी कि, भारत के विभिन्न बैंक नियमित सावधानी के साथ क्रिप्टोकरंसी लेनदेन की अनुमति देंगे. इस केंद्रीय बैंक ने वर्ष, 2018 में जारी उस सर्कुलर को भी रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों से क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज की सुविधा नहीं देने को कहा गया था.
• हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरंसी पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह कहा है कि, भारत सरकार भारत में क्रिप्टोकरंसी के लिए 'कैलिब्रेटेड' की सम्भावना तलाश कर रही है.
भारत में क्रिप्टोकरंसी बाजार
• ब्लॉकचेन डाटा कंपनी चैनालिसिस, इंडिया के अनुसार, भारत में अप्रैल, 2020 के 923 मिलियन डॉलर से लेकर मई, 2021 में 6.6 बिलियन डॉलर तक के कुल निवेश में 600 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.
• इस कंपनी ने जून, 2021 में यह कहा था कि, भारत 241 मिलियन डॉलर के कुल बिटकॉइन निवेश लाभ के साथ 18वें स्थान पर है.
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